जस्टिस निर्मल यादव: 15 लाख रुपये कैश कांड में 17 साल बाद कोर्ट का फैसला
- Post By Admin on Mar 29 2025

चंडीगढ़: चंडीगढ़ की एक विशेष अदालत ने 2008 में न्यायाधीश निर्मल यादव के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला 15 लाख रुपये की नकद राशि से जुड़ा है, जो गलती से एक अन्य जज के घर पहुंच गई थी। अब 17 साल बाद इस मामले में कोर्ट 29 मार्च 2025 को अपना निर्णय सुनाएगा।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना अगस्त 2008 की है, जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर के आवास पर एक बैग में 15 लाख रुपये भेजे गए। उनके कर्मचारी ने यह रकम चंडीगढ़ पुलिस को सौंप दी, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया। जांच में सामने आया कि यह राशि हरियाणा के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता संजीव बंसल के एक क्लर्क द्वारा जस्टिस निर्मल यादव को भेजी गई थी। लेकिन दोनों जजों के नामों की समानता के कारण यह गलती से जस्टिस कौर के घर पहुंच गई।
कैसे खुला राज?
जस्टिस कौर ने 2016 में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी गवाही में बताया कि जब उनके कर्मचारी ने पैकेट खोला, तो उसमें रुपये थे। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बाद में संजीव बंसल ने फोन कर बताया कि यह रकम गलती से उनके घर पहुंची और असल में यह जस्टिस निर्मल यादव के लिए थी।
मामले की कानूनी कार्यवाही
- 2010: जस्टिस यादव को उत्तराखंड हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया।
- 2014: विशेष अदालत ने पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
- 2016: मुख्य आरोपी संजीव बंसल की मृत्यु के बाद उनके खिलाफ मामला खत्म कर दिया गया।
- 2024: अभियोजन पक्ष ने 84 गवाहों की सूची दी, जिनमें से 69 गवाहों की गवाही दर्ज हुई।
- फरवरी 2025: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने CBI को 12 गवाहों से दोबारा पूछताछ की अनुमति दी।
- मार्च 2025: अंतिम तर्क पूरे होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
29 मार्च को आएगा फैसला
अब इस बहुचर्चित केस में 29 मार्च 2025 को फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले में जस्टिस यादव का बचाव वरिष्ठ अधिवक्ता एसके गर्ग नारवाना और वीजी नारवाना ने किया, जबकि अन्य आरोपियों की ओर से अधिवक्ता एएस चौहल, बीएस रियार और हितेश पुरी पेश हुए ।