114 वर्षीय धावक फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, पीएम मोदी ने जताया गहरा शोक
- Post By Admin on Jul 15 2025
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चंडीगढ़ : दुनिया को अपनी फिटनेस और संकल्प से हैरान कर देने वाले 114 वर्षीय दिग्गज मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार को पंजाब के जालंधर में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वे सुबह टहलने निकले थे, तभी एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान शाम को उन्होंने अंतिम सांस ली।
पुलिस के मुताबिक यह हादसा ब्यास गांव में हुआ। आदमपुर थाना प्रभारी हरदेवप्रीत सिंह ने बताया कि टक्कर मारने के बाद आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। चालक के खिलाफ गैरइरादतन हत्या और लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज कर लिया गया है।
फौजा सिंह के निधन की पुष्टि वरिष्ठ लेखक और पंजाब के पूर्व सूचना आयुक्त खुशवंत सिंह ने की, जिन्होंने उनकी जीवनी ‘द टर्बन्ड टॉरनेडो’ लिखी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "फौजा सिंह जी अपने अद्वितीय व्यक्तित्व और फिटनेस को लेकर युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे। वे एक अविश्वसनीय जज़्बे वाले एथलीट थे। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और दुनियाभर में मौजूद उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।"
एक सदी से भी अधिक लंबा प्रेरणादायक जीवन
फौजा सिंह का जन्म 1911 में एक किसान परिवार में हुआ था। वे चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। सौ वर्ष की उम्र में मैराथन पूरी करने वाले वे दुनिया के पहले एथलीट बने और उम्र को मात देते हुए कई अंतरराष्ट्रीय मैराथनों में भाग लेकर रिकॉर्ड बनाए।
उन्होंने 1999 में चैरिटी के लिए दौड़ना शुरू किया। पहला चैरिटी इवेंट समय से पूर्व जन्मे शिशुओं के लिए था। 2012 में वे लंदन ओलंपिक में मशालवाहक बने। उनकी सहनशक्ति और आत्मबल ने उन्हें “टर्बन्ड टॉरनेडो” का खिताब दिलाया।
2013 में फतेहगढ़ साहिब में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था, “मेरी पगड़ी और दाढ़ी ने मुझे सम्मान दिलाया है। ईश्वर में विश्वास ने मुझे लक्ष्य तक पहुंचाया।”
फौजा सिंह का जीवन साहस, श्रद्धा और आत्मविश्वास की मिसाल बनकर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।