झारखंड सरकार गिग इकॉनमी कंपनियों से टैक्स वसूली पर कर रही विचार
- Post By Admin on Dec 13 2024

रांची : झारखंड सरकार स्विगी, ज़ोमैटो, ओला, उबर और बिग बास्केट जैसी गिग इकॉनमी प्लेटफॉर्म कंपनियों से अतिरिक्त टैक्स वसूलने की योजना पर काम कर रही है। सरकार इन कंपनियों के राज्य में होने वाले कुल कारोबार पर एक से दो प्रतिशत सेस लगाने पर विचार कर रही है।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार का उद्देश्य केवल राजस्व बढ़ाना नहीं है बल्कि इन कंपनियों से वसूले गए टैक्स का एक हिस्सा गिग वर्कर्स के कल्याण पर खर्च करना है। श्रम विभाग इस योजना के लिए एक कानून तैयार कर रहा है जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
यदि यह योजना लागू होती है तो झारखंड गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाला देश का तीसरा राज्य बन जाएगा। फिलहाल राजस्थान और कर्नाटक में ही गिग वर्कर्स के लिए ऐसी व्यवस्थाएं हैं। झारखंड में लगभग एक लाख गिग वर्कर्स हैं जिनके लिए सरकार आर्थिक सहयोग, ओवरटाइम भत्ता और दुर्घटनाओं की स्थिति में मदद जैसी योजनाएं लाने की तैयारी कर रही है।
इस योजना के तहत गिग वर्कर्स को श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा जिसके बाद वे राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थी बन सकेंगे। फिलहाल झारखंड में गिग वर्कर्स के लिए कोई कल्याणकारी योजना नहीं है लेकिन सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। गिग इकॉनमी में अहम भूमिका निभाने वाले कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी के लिए न केवल राज्य सरकारें बल्कि केंद्र सरकार भी तेजी से काम कर रही है।