बज्जिका भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर एकजुट हुए बुद्धिजीवी और साहित्यकार

  • Post By Admin on Jul 16 2025
बज्जिका भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर एकजुट हुए बुद्धिजीवी और साहित्यकार

मुजफ्फरपुर : बज्जिका भाषा को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल कराने और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में स्थान दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को जिले के पक्की सराय स्थित स्वर्णिम कला केंद्र परिसर में बज्जिका भाषा संयुक्त संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।

बैठक की अध्यक्षता समिति के जिलाध्यक्ष उदय नारायण सिंह ने की, जबकि डॉ. विद्या चौधरी मुख्य अतिथि और प्रमोद नारायण मिश्र विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस मौके पर समिति की केंद्रीय उपाध्यक्ष और प्रख्यात लेखिका डॉ. उषाकिरण श्रीवास्तव ने कहा कि बज्जिका केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत है, जिसे संविधानिक मान्यता मिलनी ही चाहिए।

बैठक में विक्रम जयनारायण निषाद, सुनील कुमार, अर्जुन गुप्ता, एहसान, सुमित रंजन, आरती कुमारी, ईशी रानी, संज्ञा हिमांशी और सूर्यांश सहित बड़ी संख्या में बज्जिका भाषी लोग शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में बज्जिका भाषा के संरक्षण, प्रचार और संविधान में दर्ज कराने को लेकर आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया।

डॉ. श्रीवास्तव ने बज्जिका की साहित्यिक समृद्धि और जनमानस में उसकी गहरी पैठ का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह भाषा आज भी लाखों लोगों की मातृभाषा है, जिसे उपेक्षा नहीं, सम्मान की ज़रूरत है।

बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा और राज्य व केंद्र सरकार से औपचारिक तौर पर बज्जिका को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जाएगी।

यह बैठक बज्जिका भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने के संघर्ष में एक सशक्त और संगठित कदम के रूप में देखी जा रही है।