लखीसराय में अधूरा विद्यालय भवन बना चुनावी मुद्दा, शिक्षा व्यवस्था पर बढ़ रहा जनाक्रोश

  • Post By Admin on Aug 27 2025
लखीसराय में अधूरा विद्यालय भवन बना चुनावी मुद्दा, शिक्षा व्यवस्था पर बढ़ रहा जनाक्रोश

लखीसराय : विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही लखीसराय जिले में शिक्षा बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता दिख रहा है। अब तक यहां की राजनीति जातीय समीकरणों पर टिकी रही है, लेकिन इस बार मतदाता उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी और अधूरे पड़े शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स को लेकर ज्यादा मुखर नजर आ रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा दुर्गा बालिका विद्यालय की हो रही है, जिसका भवन निर्माण वर्षों बाद भी अधूरा पड़ा है और छात्राओं को अस्थायी भवन में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

अधूरा वादा, अधूरी इमारत

जिले का यह महत्वपूर्ण विद्यालय लंबे समय से KRK मैदान स्थित अस्थायी भवन में संचालित हो रहा है। जगह की कमी और अव्यवस्थित माहौल के बीच हजारों छात्राओं को शिक्षा हासिल करनी पड़ती है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस विद्यालय भवन का शिलान्यास धूमधाम से किया था। इसके बाद जिला पदाधिकारी मिथलेश मिश्र ने नारियल फोड़कर निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। 15 महीने में भवन तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह महज औपचारिकता साबित हुई। निर्माण कार्य अधर में लटक गया और अब तक भवन लगभग ठप पड़ा है।

जनता का आक्रोश

ग्रामीणों और अभिभावकों का आरोप है कि चुनावी साल में केवल शिलान्यास और बयानबाजी हुई, पर जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। बेटियों की शिक्षा के लिए ठोस ढांचा न होना अभिभावकों की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। लोग कहते हैं कि जिले में उच्च स्तरीय विद्यालय और कॉलेज की कमी के कारण प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को बाहर जाना पड़ता है।

राजनीतिक समीकरण पर असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिक्षा की अनदेखी इस बार सत्ता पक्ष के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। अधूरे विद्यालय भवन और बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर विपक्ष पहले से ही हमलावर है और इसे चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा। वहीं सत्ताधारी दल के लिए यह सवाल मुश्किल खड़ा कर सकता है कि आखिर शिलान्यास और उद्घाटन के बावजूद काम क्यों अधूरा रह गया।

शिक्षा बना मुख्य चुनावी विमर्श

लखीसराय में अब मतदाता साफ कह रहे हैं कि “बेटियों की पढ़ाई सिर्फ भाषणों से नहीं चलेगी, ठोस कदम चाहिए।” यह संकेत है कि इस बार जिले में शिक्षा ही चुनावी विमर्श का अहम केंद्र बनने जा रही है। स्थानीय लोगों की राय है कि जो भी दल शिक्षा की कड़ी चुनौतियों का ठोस समाधान पेश करेगा, जनता उसका साथ देगी।

स्पष्ट है कि लखीसराय की चुनावी जंग इस बार जातीय गणित से आगे बढ़कर शिक्षा के सवाल पर लड़ी जाएगी और अधूरा विद्यालय भवन इस मुद्दे की सबसे बड़ी तस्वीर बन चुका है।