टेंगरारी वाले कलाम पुस्तक का लोकार्पण, मौके पर ग्यारह विशिष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान

  • Post By Admin on May 04 2025
टेंगरारी वाले कलाम पुस्तक का लोकार्पण, मौके पर ग्यारह विशिष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान

मुजफ्फरपुर : शहर के द पार्क होटल सभागार में पांचवां डॉ. राजनारायण राय स्मृति साहित्य सेवा सम्मान समारोह अत्यंत भव्यता के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन हर वर्ष डॉ. सतीश कुमार साथी द्वारा अपने गुरु की स्मृति में किया जाता है। समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। उद्घाटन भाषण में बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक प्रो. सतीश कुमार राय ने कहा कि आज के समय में जब गुरु-शिष्य परंपरा कमजोर होती जा रही है, ऐसे में यह आयोजन समाज को एक नई सीख देता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रविंद्र उपाध्याय ने की। उन्होंने ‘शिक्षकों की छड़ी कितनी जरूरी’ विषय पर वक्तव्य देते हुए कहा कि अनुशासन स्थापित करने के लिए शिक्षकों को उचित सम्मान और अधिकार देना आवश्यक है। बिहार विधान परिषद के सदस्य बंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि गुरु की डांट जीवन निर्माण का आधार होती है और यह अनुभव जीवनभर साथ चलता है। इस अवसर पर डॉ. पुष्पा गुप्ता, मोतिहारी से आए डॉ. विनय कुमार, समाजसेवी डॉ. विजयेश, रंजन कुमार, डॉ. ब्रजभूषण मिश्र, लॉ कॉलेज के प्राध्यापक ब्रजमोहन आज़ाद और शिक्षक अब्दुल कलाम सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। कवयित्री सविता राज ने अपनी कविता से उपस्थित अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत किया।

विचार सत्र के उपरांत डॉ. सतीश कुमार साथी द्वारा रचित पुस्तक “टेंगरारी वाले कलाम” का लोकार्पण किया गया, जो शिक्षक अब्दुल कलाम की प्रेरक जीवनी पर आधारित है। इसके बाद डॉ. सतीश कुमार साथी और डॉ. राजनारायण राय की पुत्री गुड़िया कुमारी ने संयुक्त रूप से साहित्यकार डॉ. ब्रजभूषण मिश्र को डॉ. राजनारायण राय स्मृति साहित्य सेवा सम्मान से सम्मानित किया। उन्हें माँ सरस्वती की प्रतिमा, शॉल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। हर वर्ष की तरह इस बार भी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे ग्यारह विशिष्ट व्यक्तित्वों को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। सामाजिक सेवा, शिक्षा, अध्यात्मिक चेतना, मूर्ति कला, युवा संगठन, नाटक, साहित्य और शैक्षणिक उपलब्धियों से जुड़े लोगों को यह सम्मान मिला। मैट्रिक परीक्षा में बिहार टॉपर रही प्रिया कुमारी को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में “रील में फंसा जीवन” विषय पर बच्चों द्वारा प्रस्तुत असाइनमेंट के आधार पर चार प्रतिभागियों को नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई, जबकि 14 अन्य प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, मेडल और साहित्य भेंट किया गया। साथ ही सात विद्यालयों को विशेष योगदान हेतु सम्मानित किया गया। रामगढ़वा, पूर्वी चंपारण का क्रिएशन गुरुकुल प्रथम स्थान पर रहा जबकि चिल्ड्रन पैराडाइस पब्लिक स्कूल को द्वितीय स्थान मिला। सभी प्रतिभागियों को साहित्यिक कृतियाँ भेंट की गईं।

समारोह का समापन बिहार की चर्चित बाल नृत्यांगना संस्कृति श्रीवास्तव की मोहक नृत्य प्रस्तुति के साथ हुआ। मंच संचालन स्वयं कार्यक्रम आयोजक और संयोजक डॉ. सतीश कुमार साथी ने किया।