पंजाब के इस जिले में कागजों में बसाया फर्जी गांव, हड़पे 45 लाख रुपये

  • Post By Admin on Jan 23 2025
पंजाब के इस जिले में कागजों में बसाया फर्जी गांव, हड़पे 45 लाख रुपये

फिरोजपुर : जिले में सरकारी राशि के हड़पने का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसमें कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर कागजों में एक फर्जी गांव बसाया और उसके नाम पर 45 लाख रुपये की सरकारी राशि हड़प ली। इस घोटाले का खुलासा पांच साल बाद आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जरिए हुआ। जिसके बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

फर्जी गांव का गठन और सरकारी राशि का गबन

मामला फिरोजपुर जिले के सरहदी इलाके का है। जहां सरकारी अधिकारियों ने मिलकर एक काल्पनिक गांव ‘न्यू गट्टी राजो के’ कागजों में बसा दिया। इस फर्जी गांव के नाम पर सरकारी धन से विकास कार्यों के नाम पर केंद्र सरकार से 45 लाख रुपये की राशि प्राप्त की गई। जबकि असल में इस गांव में कभी कोई विकास कार्य नहीं हुआ था। ‘नई गट्टी राजो के’ नाम का एक असली गांव है, लेकिन ‘न्यू गट्टी’ नाम का कोई गांव कभी अस्तित्व में नहीं आया।

आरटीआई से हुआ खुलासा

इस घोटाले का खुलासा 2019 में एक व्यक्ति द्वारा दायर आरटीआई से हुआ। जब उसने संबंधित विभाग से जानकारी मांगी, तो उसे जान से मारने की धमकियां भी दी गईं, लेकिन उसने डर के बजाय मामले को उजागर करने का निर्णय लिया। सालों बाद जब आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई, तो यह सच्चाई सामने आई कि बड़े सरकारी अधिकारी और कर्मचारी कागजों पर ही विकास कार्य कर रहे थे और पैसे हड़प रहे थे।

घोटाले में शामिल अफसरों के खिलाफ होगी कार्यवाही

ब्लॉक समिति के सदस्य गुरदेव सिंह ने बताया कि इस घोटाले को अंजाम देने के लिए अधिकारियों ने एक फर्जी गांव बना दिया और उसके नाम पर सरकारी धन का गबन किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस घोटाले को पूरी तरह से दबाकर रखा था, लेकिन अब जब सच्चाई सामने आई है, तो मामले की जांच की जा रही है।

फिरोजपुर के एडीसी डेवलपमेंट 

लखविंदर सिंह रंधावा ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि इस घोटाले की जांच की जा रही है और जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस गड़बड़ी में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

गांव के लोग बोले : कोई विकास नहीं हुआ

गांव के लोगों ने इस घोटाले पर हैरानी जताते हुए कहा कि ‘न्यू गट्टी राजो के’ नाम का कोई गांव तो है ही नहीं। न ही उस गांव में कभी कोई विकास कार्य हुआ, जैसा कि कागजों में दर्शाया गया था। इस मामले ने अब जिला प्रशासन को भी सक्रिय कर दिया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।