रेलवे स्टेशन परिसर से मंदिर हटाने पर हिंदू संगठनों में आक्रोश, पुनर्निर्माण की मांग
- Post By Admin on Mar 18 2025
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मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन परिसर स्थित महादेव मंदिर एवं पंचमुखी हनुमान मंदिर को रेलवे विभाग द्वारा आधी रात को हटाए जाने और मंदिर की प्रतिमाओं के कथित रूप से गायब होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक बैठक जिला परिषद मार्केट में आयोजित की गई, जिसमें रेलवे प्रशासन और सरकार के प्रति गहरा रोष प्रकट किया गया।
बैठक में भंसा घर के अनिल कुमार अनल ने कहा, "हमारे मंदिरों पर ऐसा हमला तो लालू यादव के शासनकाल में भी नहीं हुआ था, जिसे मौजूदा सरकार जंगलराज कहती है। लेकिन आज जिन हिंदूवादी नेताओं की केंद्र में सरकार है, उनसे इस तरह की कार्रवाई की उम्मीद किसी ने नहीं की थी।"
कथनी और करनी में अंतर साफ – कुणाल श्रीवास्तव
बैठक को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल श्रीवास्तव ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी एक ओर कुंभ में पूजा-अर्चना कर खुद को हिंदू हितैषी बताते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार की इकाई भारतीय रेलवे आजादी से पूर्व कुली समाज द्वारा निर्मित मंदिर को तोड़ रही है। यह मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि शहर की ऐतिहासिक धरोहर भी थी। अगर सरकार सच में हिंदू हितैषी है, तो मंदिर का पुनर्निर्माण कर इसे हिंदू समाज को सौंपे, अन्यथा हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे।"
मौन सांसद-विधायकों पर उठे सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र किशोर पराशर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "शहर के सांसद और विधायक हिंदू होते हुए भी मंदिर तोड़े जाने पर नपुंसकों की तरह मौन हैं। यदि सरकार जल्द से जल्द मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं कराती, तो हिंदू समाज इस सरकार की कमर तोड़ने का काम करेगा।"
स्टेशन के विकास में बाधा सिर्फ मंदिर ही क्यों?
वहीं, सनातनी अनिल कुमार ने सवाल उठाते हुए कहा, "अगर रेलवे को स्टेशन के विकास में मंदिर बाधा लगता है, तो पटरी के बीच बनी मजार बाधा क्यों नहीं है? सिर्फ हिंदू आस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है। हम अपना मंदिर वापस चाहते हैं और इसे जल्द से जल्द पुनः बनाया जाए।"
इस बैठक में शिवम, पीयूष यादव, कुणाल श्रीवास्तव, अनिल कुमार अनल, मनमोहन, राजीव यादव, चंद्र किशोर पराशर, अनिल कुमार समेत कई हिंदूवादी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से मंदिर पुनर्निर्माण की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हिंदू समाज बड़ा आंदोलन करेगा।