निरंजनी अखाड़े से हर्षा रिछारिया के निष्कासन पर भड़के उनके माता पिता
- Post By Admin on Jan 21 2025

भोपाल : महाकुंभ 2025 के दौरान मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी हर्षा रिछारिया के साध्वी रूप में शामिल होने को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। हर्षा ने एंकरिंग और मॉडलिंग का करियर छोड़कर प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान साध्वी का रूप धारण किया था। जिससे उन्हें निरंजनी अखाड़े से निष्कासित किया गया। अब इस पूरे मामले पर हर्षा के माता-पिता ने खुलकर अपनी राय दी है और उनका कहना है कि धर्म अपनाकर उनकी बेटी ने कुछ गलत नहीं किया।
हर्षा के साध्वी रूप को लेकर उठे सवाल
महाकुंभ में हर्षा ने निरंजनी अखाड़े के रथ पर सवार होकर शाही स्नान किया। जिसके बाद कुछ साधु-संतों ने उन्हें फटकार लगाई और पाखंडी करार दिया। हालांकि, कई महात्माओं ने उनका समर्थन भी किया। हर्षा के परिवार ने इस पूरे विवाद पर गहरी चिंता व्यक्त की है और उन्होंने कहा कि धर्म अपनाने का हक किसी भी व्यक्ति को है। हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया और मां किरण रिछारिया ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
हर्षा के परिवार का बयान : ‘क्या गलत किया ?’
हर्षा के माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने कभी झूठ नहीं बोला और उसने धर्म के मार्ग को अपनाने में कुछ गलत नहीं किया। परिवार का कहना है कि यदि विदेशी महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती हैं तो सब उन्हें सम्मान देते हैं, लेकिन अपनी ही देश की बेटी को अगर साधु-संतों के बीच स्नान करने का हक मिलता है, तो उसे पाखंडी क्यों बताया जा रहा है? परिवार का मानना है कि हर्षा ने धर्म को अपनाया और यह उसका व्यक्तिगत निर्णय था, जिसे सम्मान मिलना चाहिए था।
हर्षा का 2004 का अनुभव
हर्षा की मां किरण रिछारिया ने यह भी बताया कि 2004 के उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में हर्षा ने शाही स्नान के दौरान साधु-संतों के स्नान स्थल पर प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें धक्का देकर बाहर कर दिया था। इस घटना से हर्षा को बहुत बुरा लगा था और उसने कहा था कि एक दिन वह साधु-संतों के बीच ही स्नान करेगी। 2025 के महाकुंभ में हर्षा के इस सपने का पूरा होना एक बड़ी घटना थी।
निरंजनी अखाड़ा का निष्कासन
निरंजनी अखाड़े द्वारा हर्षा को निष्कासित करने के बाद उनके परिवार ने इस कदम पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अखाड़े ने हर्षा को जो बातें कही हैं, वह कुंठित मानसिकता का परिणाम हैं। परिवार का मानना है कि हर्षा का नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बना और निरंजनी अखाड़ा को यह हजम नहीं हो पाया, इसलिए ऐसी टिप्पणियां की गईं।