युवा लेखक असलम रहमानी की किताब नुक़ुश-ए-अदब का भव्य विमोचन
- Post By Admin on Feb 24 2025

मुजफ्फरपुर : युवा लेखक असलम रहमानी द्वारा लिखित पुस्तक 'नुक़ुश-ए-अदब' का भव्य विमोचन समारोह जिले के एक निजी होटल में अंजुमन नदाए अदब के तत्वावधान में आयोजित किया गया। समारोह में बिहार विधान परिषद के सदस्य कारी सोहैब ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और कहा कि उर्दू प्रेम की भाषा है और इस पर जितने भी आक्षेप लगाए जाएंगे, यह उतनी ही अधिक लोकप्रिय होती जाएगी। उन्होंने इस विमोचन समारोह को नई पीढ़ी के उर्दू प्रेम की मिसाल बताया।
इस अवसर पर कौमी तनज़ीम के प्रधान संपादक एस.एम. अशरफ फरीद ने कहा कि असलम रहमानी ने छात्र जीवन में ही इतनी शानदार पुस्तक लिखकर उर्दू समाज को आत्मगौरव की प्रेरणा दी है। वहीं, प्रोफेसर फारूक अहमद सिद्दीकी ने इस पुस्तक को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि अपने चार दशकों के शिक्षण जीवन में उन्होंने पहली बार किसी स्नातक छात्र की इतनी उत्कृष्ट रचना देखी है। उन्होंने असलम रहमानी को बधाई दी और उनके शिक्षक, नीतिश्वर कॉलेज के उर्दू विभागाध्यक्ष कामरान ग़नी सबा की भी सराहना की।
बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष इम्तियाज अहमद करीमी ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि उर्दू प्रेमियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति यह दर्शाती है कि मुजफ्फरपुर की भूमि उर्दू भाषा को लेकर अत्यधिक जागरूक है। मौलाना मज़हरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो-वाइस चांसलर प्रो. तौकीर आलम ने असलम रहमानी की लेखनी को स्पष्ट और परिष्कृत बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
प्रसिद्ध पत्रकार डॉ. रेहान ग़नी ने कहा कि मुजफ्फरपुर क्रांतिकारी आंदोलनों की भूमि रही है और बिहार में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा दिलाने में यहां के उर्दू प्रेमियों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने सभा में महिलाओं और छात्राओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उर्दू भाषा के पुनर्जागरण में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
इस अवसर पर युवा आलोचक और समीक्षक डॉ. आरिफ़ हसन वस्तवी ने पुस्तक की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन जमील अख्तर शाफ़िक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन ज़फ़र आजम ने दिया। समारोह में सीपीआई नेता मीना तिवारी, उर्दू एक्शन कमेटी के महासचिव अशरफ नबी कैसर, डॉ. जलाल असगर फरीदी, डॉ. मतीउर्रहमान अज़ीज़, आलीशान तैमी सहित शहर के कई विद्वान, उर्दू प्रेमी, छात्र-छात्राएं और साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।