बिहार के गायपालकों के लिए खुशखबरी, सरकार की 525 रुपये वाली स्कीम से होंगे लाभान्वित

  • Post By Admin on Mar 29 2025
बिहार के गायपालकों के लिए खुशखबरी, सरकार की 525 रुपये वाली स्कीम से होंगे लाभान्वित

पटना: बिहार में गाय पालकों के लिए अच्छी खबर आई है। राज्य सरकार ने पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा देने और दुधारू मवेशियों के बेहतर देखभाल के लिए एक विशेष बीमा योजना लागू की है। इस योजना के तहत दुधारू पशुओं का बीमा मात्र 25% भुगतान कराकर कराया जा सकता है, जबकि शेष 75% राशि सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

कैसे मिलेगा बीमा का लाभ?

राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य निदेशालय द्वारा चलाई जा रही इस योजना में बीमा कराने के लिए पशुपालकों को कुल बीमा राशि का केवल 25% हिस्सा देना होगा। बाकी 75% सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। इस योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि 60,000 रुपये निर्धारित की गई है।

योजना का उद्देश्य

  • पशुपालकों को गंभीर बीमारियों से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • लंपी त्वचा रोग, एचएसबीक्यू जैसी घातक बीमारियों से पशुओं की रक्षा करना।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना।

बीमा की शर्तें और राशि

  • प्रत्येक दुधारू पशु के बीमा का अधिकतम मूल्य 60,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
  • बीमा राशि 3.5% की दर से तय की गई है, जो 2,100 रुपये होगी।
  • इसमें 1,575 रुपये सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी।
  • पशुपालकों को मात्र 525 रुपये भुगतान करना होगा।

कौन कर सकता है आवेदन?

इस योजना का लाभ लेने के लिए स्वस्थ पशु होना अनिवार्य है। इसके लिए सरकारी पशु चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू किया गया है और जिला गव्य विकास पदाधिकारी के माध्यम से इसे क्रियान्वित किया जाएगा।

कैसे करें आवेदन?

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
  • आवेदन गव्य विकास निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट (dairy.bihar.gov.in) पर जाकर किया जा सकता है।
  • दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सदस्य इस योजना में प्राथमिकता पाएंगे।

पशुपालन बन सकता है कमाई का जरिया

पशुपालन यदि सही तरीके से किया जाए तो यह एक अच्छा कमाई का जरिया बन सकता है। बिहार के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन ने युवाओं को स्वरोजगार देने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार की इस योजना से न केवल पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि यह राज्य की दुग्ध उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाएगा।