योग अभ्यास से रोगों से मुक्ति, स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें : योग शिक्षक राम बिलास शाण्डिल्य
- Post By Admin on Dec 13 2024

जमुई : योग शिक्षक राम बिलास शाण्डिल्य ने गुरुवार को बोधवन तालाब के पास आयोजित एक योग कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए योग के महत्व को समझाया और कहा, “योग भगाये रोग, सच्चा सुख निरोगी काया।”
उन्होंने प्रदूषण, बढ़ती बीमारियों और जीवन की गुणवत्ता में गिरावट पर चिंता जताते हुए योग को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने कहा, “आजकल वायु, जल, मृदा, अन्न और ध्वनि प्रदूषण के कारण मानव जीवन में निरंतर गिरावट हो रही है। दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण के कारण कचड़े के पहाड़ हैं। जिससे न केवल मिट्टी बल्कि वायु और जल भी प्रदूषित हो गए हैं।
यमुना नदी का पानी जहरीला हो चुका है और पीने योग्य नहीं रह गया।” उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण औसतन मानव जीवन की आयु में कमी आई है। शाण्डिल्य ने आगे कहा, “हमारी पृथ्वी पर यदि जीवन जीना है तो हमें योग के शरण में आना होगा। योग ही जीवन को निरोगी, सुखमय और स्वस्थ बना सकता है।
योग माँ के समान है। जो हमें जीवन के सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।" उन्होंने महर्षि पतंजलि के योगदान का भी उल्लेख करते हुए कहा, “महर्षि पतंजलि ने मानव कल्याण के लिए योग का ज्ञान भारत में दिया था। हालांकि कुछ लोगों को यह डर था कि योग करने से लोग साधू या योगी बन सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बाद 21 जून को ‘विश्व योग दिवस’ मनाया जाता है।”
योग शिक्षक राम बिलास शाण्डिल्य ने योग के नियमित अभ्यास के महत्व पर बल देते हुए कहा, “योग सिर्फ एक दिन का अभ्यास नहीं है। नियमित योगाभ्यास से ही शरीर स्वस्थ रहता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा है, ‘योगः कर्मशु कौशलं’, अर्थात योग से ही व्यक्ति अपने कार्य में निपुण और सफल बन सकता है।”
उन्होंने जीवन में स्वस्थ्य के महत्व को भी रेखांकित करते हुए कहा, “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। आजकल डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग जैसे गंभीर रोग मानवता के लिए खतरा बने हुए हैं, लेकिन योग के नियमित अभ्यास से इन असाध्य रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।”
अंत में शाण्डिल्य ने सभी से नियमित योगाभ्यास अपनाने का आह्वान किया और कहा, “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, यदि हम योग का अभ्यास नियमित रूप से करते हैं, तो हम इन बिमारियों से बच सकते हैं और जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं।”