कठपुतली कला के जरिए समाज में जागरूकता फैला रहे लोक कलाकार सुनील कुमार
- Post By Admin on Apr 30 2025
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मुजफ्फरपुर : लोक कलाकार और कठपुतली प्रशिक्षक सुनील कुमार समाज में शिक्षा और सामाजिक जागरूकता फैलाने के लिए कठपुतली कला का प्रभावी तरीके से उपयोग कर रहे हैं। सुनील कुमार, जो मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड के मालीघाट निवासी हैं, बच्चों और समुदायों को कठपुतली कला के माध्यम से पर्यावरण, सामाजिक सुधार और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जागरूक करते हैं।
सुनील कुमार ने सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के तहत कठपुतली कला का प्रशिक्षण दिया है और इस कला के माध्यम से समाज में बाल विवाह, बाल श्रम, नशापान जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का कार्य किया है। इसके अलावा, सुनील कुमार पर्यावरण संरक्षण के लिए पीपल, नीम और तुलसी जैसे पौराणिक पौधों के महत्व को भी समझाते हैं।
उन्होंने हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया (एचपीपीआई), किलकारी, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर कठपुतली कला का प्रशिक्षण दिया है। उनके कार्यशालाओं में बच्चों को केवल कला का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता, बल्कि उन्हें सामाजिक मुद्दों पर विचार करने की दिशा भी दी जाती है।
सुनील कुमार का मानना है कि बच्चों को जब रचनात्मक तरीके से शिक्षा दी जाती है, तो वे कक्षा में आने के लिए अधिक उत्साहित होते हैं। उन्होंने बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी कठपुतली बनाने और संचालन का प्रशिक्षण दिया है, जिससे वे इस कला को बच्चों तक पहुंचा सकें।
सुनील कुमार की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें कई सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें अमेरिकन शिक्षिका लेसली हैंस से कठपुतली कला के लिए सम्मान, कर्ण पुरस्कार, समृद्धि कला सम्मान 2025 और पीपल नीम तुलसी अभियान द्वारा पर्यावरण योद्धा और पर्यावरण मित्र सम्मान शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने लुंबिनी, नेपाल में भी अपने कठपुतली कला प्रदर्शन के लिए सम्मान प्राप्त किया और वर्ल्ड सोशल फोरम 2024 में काठमांडू, नेपाल में प्रदर्शन किया।
कठपुतली कला के माध्यम से समाज को जागरूक करने और बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने में सुनील कुमार का योगदान अनमोल है।