बैंक में महिला कर्मी की मौत, हार्ट अटैक से गई जान

  • Post By Admin on Sep 25 2024
बैंक में महिला कर्मी की मौत, हार्ट अटैक से गई जान

लखनऊ : विभूतिखंड स्थित एचडीएफसी बैंक की वरिष्‍ठ महिला कर्मी 45 साल की सदफ फातिमा की ऑफिस में काम करते समय हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गईI सदफ एचडीएफसी बैंक के टेलिफोनिक चैनल ‘वी आर नाउ’ में एडिशनल डेप्युटी वाइस प्रेसिडेंट थीं। मंगलवार सुबह वह ऑफिस में पहुंची और तीसरी मंजिल पर स्थित अपने चैंबर में चली गई थीं। दोपहर करीब 1 बजे अपनी अन्य सहकर्मियों के साथ लंच करने के लिए सेकंड फ्लोर पर स्थित कैफेटेरिया में गई थीं। कुछ ही देर बाद अचानक वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं। इस पर सहकर्मियों ने आनन-फानन में उन्हें लोहिया अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस का कहना है कि मौत की असली वजह पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल सकेगी। सदफ फातिमा एडिशनल डिप्‍टी वाइस प्रेसिडेंट पद पर कार्यरत थीं। काम करते समय वह अचानक कुर्सी से नीचे गिर पड़ी थीं। तत्‍काल उनको अस्‍पताल ले जाया गयाI जहां डॉक्‍टरों ने मृत घोषित कर दिया। सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने बैंक कर्मी की मौत पर दुख जताया है।

सदफ फातिमा का पारिवारिक जीवन

सदफ फातिमा वजीरगंज इलाके में अपने परिवार के लोगों के साथ रहती थी I उन्होंने शादी नहीं की थी। परिवार में उनकी मां कनीस फातिमा, बहन सबिया और बहनोई मजहर हैं। सदफ फातिमा के निधन से पूरा परिवार शोक में है। उनके बहनोई का कहना है कि सदफ को ब्‍लड प्रेशर की बीमारी थी। तीन दिन पहले उनकी तबीयत खराब हुई थी, तो उनको केजीएमसी ले गया था। तीन दिन के अवकाश के बाद वह मंगलवार को ऑफिस आई थीं। बताया जा रहा है कि वह लंच कर रही थी। इसी दौरान अचानक कुर्सी से नीचे गिर पड़ीं। जिसके बाद सहकर्मी उन्‍हें लोहिया अस्‍पताल लेकर गए।

लंच से पहले सदफ खाई थी टैबलेट

घटना के बाद पूछताछ में सहकर्मियों ने पुलिस को बताया कि सदफ दूसरी मंजिल पर स्थित कैफेटेरिया में कुर्सी पर आकर बैठी और अपने पर्स से एक टैबलेट निकालकर खाई थी। उसके कुछ ही देर बाद वह बेसुध होकर फर्श पर गिर गईं। सहकर्मियों ने उन्हें होश में लाने की काफी कोशिश की। उनके होश में न आने पर सहकर्मियों ने शोर मचाया और फिर उन्हें लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए। हालांकि, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

तबीयत खराब रहती थी : पुलिस

इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील कुमार के मुताबिक, परिवार के लोगों ने बताया कि सदफ की तबीयत खराब रहती थी। कुछ दिन पहले इलाज के लिए अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था। रविवार को फिरसे तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखाया था। मंगलवार को सदफ ने ऑफिस जॉइन किया था। परिवार के लोग उनका पोस्टमॉर्टम नहीं करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद ही शव देने की बात कही।

ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है : अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर दुख व्यक्त करते हुए अपने X अकाउंट पर लिखा है- 'लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है। ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।'

भाजपा सरकार को ठहराया जिम्‍मेदार

सपा अध्‍यक्ष ने आगे लिखा है- 'भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को तत्काल सुधार के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।'

कार्यालयों में स्वास्थ्य जागरूकता की आवश्यकता

इस तरह की घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य जागरूकता और नियमित मेडिकल चेकअप की कितनी जरूरत है। कार्यस्थलों पर अत्यधिक तनाव और लंबे समय तक बैठने वाले काम के कारण हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह घटना एक बार फिर से इस ओर इशारा करती है कि कार्यालय में कर्मीयों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान देना कितना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक बैठे रहने वाले काम करने वालों में दिल की बीमारियों का खतरा अधिक होता है।