कांटी थर्मल पावर के लिए जमीन अधिग्रहण पर किसानों की शर्तें, जबरदस्ती हुई तो होगी आर-पार की लड़ाई
- Post By Admin on Apr 04 2025

मुजफ्फरपुर : कांटी थर्मल पावर को पाइपलाइन बिछाने के लिए किसानों की जमीन की आवश्यकता है, लेकिन स्थानीय किसान बिना उचित मुआवजा और अपनी शर्तों के बिना जमीन देने को तैयार नहीं हैं। शुक्रवार को रतनपुरा गांव में किसानों की एक सभा आयोजित की गई, जिसमें पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अजीत कुमार ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन और भू-अर्जन विभाग जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण का प्रयास करेगा तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप
पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने आरोप लगाया कि पाइपलाइन के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया 2011 में शुरू की गई थी, लेकिन आज तक इसे पूरा नहीं किया जा सका। उन्होंने इसे त्रुटिपूर्ण बताते हुए कहा कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है, उन्हें मुआवजे का भुगतान भी सही तरीके से नहीं किया गया। भू-अर्जन विभाग द्वारा 90 कड़ी जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन एनटीपीसी ने 95 से 100 फीट जमीन कब्जे में लेकर मात्र 75 कड़ी का मुआवजा दिया। यह अनियमितता अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा कराई गई जमीन की पैमाइश में उजागर हुई।
बैंक लोन में धांधली का आरोप
उन्होंने आगे कहा कि एनटीपीसी ने किसानों की भूमि को भीट और धनहर जमीन घोषित कर कम मुआवजा दिया, जबकि उसी जमीन का मूल्यांकन आवासीय दर पर कर बैंक से 505 करोड़ रुपये का लोन लिया गया। किसानों ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दस्तावेज प्राप्त कर इस घोटाले का खुलासा किया है।
नियमों की अनदेखी का आरोप
पूर्व मंत्री ने बताया कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत पांच वर्षों के भीतर भू-अर्जन विभाग को अवार्ड घोषित करना अनिवार्य था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके बावजूद, जिला प्रशासन किसानों पर जबरन दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि ढ़ेमहां गांव का नक्शा न तो अंचल कार्यालय में उपलब्ध है और न ही भू-अर्जन विभाग के पास, फिर भी एनटीपीसी मनमाने ढंग से नक्शा बनाकर किसानों की जमीन कब्जाने की कोशिश कर रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी
अजीत कुमार ने कर्नाटक के एक मामले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी लंबित अधिग्रहण के मामले में जिस तारीख को सरकार या अन्य संस्थान भूमि का अधिग्रहण करेंगे, उसी तारीख के बाजार दर पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देना होगा। यह जानकारी जिला प्रशासन को दी गई है, बावजूद इसके जबरन भूमि कब्जाने की कोशिश की जा रही है।
फर्जी म्यूटेशन का आरोप
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एनटीपीसी ने कई किसानों की भूमि बिना रजिस्ट्री कराए फर्जी तरीके से अंचल कार्यालय से म्यूटेशन करवा लिया है। यह एक गंभीर मामला है और जिला प्रशासन को इसकी जांच करानी चाहिए।
किसानों का आंदोलन और सरकार से अपील
सभा को संबोधित करते हुए अजीत कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जिला प्रशासन और एनटीपीसी नियमों को ताक पर रखकर किसानों की जमीन कब्जाने में जुटी हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान जान दे देंगे लेकिन प्रशासन की शर्तों पर जमीन नहीं देंगे। अगर प्रशासन को जमीन चाहिए तो किसानों के साथ वार्ता करे और उनकी शर्तों को स्वीकार करे, अन्यथा आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
सभा में मौजूद अन्य किसान नेता
सभा की अध्यक्षता पूर्व मुखिया नंदकिशोर सिंह ने की। इस अवसर पर स्थानीय किसान गुड्डू चौधरी, अशोक चौधरी, मनोज चौधरी, मनोज शर्मा, सुजीत कुमार सिंह, पूर्व सरपंच मुन्ना ठाकुर, शिवेंद्र सिंह, पप्पू सिंह, मनोज सिंह, शिव मोहन, जगदीश राय, लक्ष्मण ठाकुर, मीना देवी, बृजभूषण शर्मा, इंद्रदेव सिंह समेत कई अन्य किसान मौजूद रहे।