एक प्रयास मंच ने चलाया प्रवेशोत्सव जागरूकता अभियान, बहलखाना स्लम बस्ती में शिक्षा के प्रति जगाई अलख
- Post By Admin on Apr 06 2025

मुजफ्फरपुर : जिले के सामाजिक संगठन “एक प्रयास मंच” ने शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से शुक्रवार को बहलखाना स्थित स्लम बस्ती में प्रवेशोत्सव जागरूकता अभियान का आयोजन किया। मंच का मूल उद्देश्य है – "हर बच्चा स्कूल जाए, कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहे", इसी संकल्प के साथ यह कार्यक्रम शुरू किया गया।
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए मंच के संस्थापक संजय रजक ने कहा कि “शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। शिक्षित व्यक्ति ही समाज और देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे शहर का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।”
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार द्वारा 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025 तक प्रवेशोत्सव विशेष नामांकन अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सरकारी और निजी विद्यालयों में निःशुल्क नामांकन की व्यवस्था की गई है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अप्रैल निर्धारित की गई है।
संजय रजक ने बताया कि एक प्रयास मंच सरकार के इस प्रयास में सहभागी बनकर शहर के स्लम एवं पिछड़े इलाकों में जाकर नाटक, लोकगीत और पठन सामग्री के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है। अभियान की शुरुआत लोकगीत "देख शुरू भइले बा ऐडमिशन, आइल नाम लिखावे वाला सीजन" से की गई, जिसने बच्चों और अभिभावकों को खासा प्रभावित किया। कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकार सुनील कुमार ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “शिक्षा एक अमूल्य गहना है, जो न केवल व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करती है, बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास की नींव भी रखती है।” इस अवसर पर मंच के द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया कि जागरूकता के बाद बच्चों का स्कूलों में नामांकन भी कराया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए।
कार्यक्रम में लोक कलाकार संजू देवी, रोहन मल्लिक, गंगाजली देवी, एवं बड़ी संख्या में बस्तीवासी उपस्थित थे। संजय रजक ने शहर के सामाजिक संगठनों, जागरूक नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे भी आगे आकर इस अभियान में सहयोग करें और मुज़फ्फरपुर को "शिक्षित शहर" बनाने में योगदान दें। “एक प्रयास मंच” का यह कदम समाज में शिक्षा को लेकर सकारात्मक चेतना फैलाने की दिशा में एक प्रशंसनीय प्रयास है, जिसकी जितनी सराहना की जाए, कम है।