कवि गोष्ठी में फगुनाहट का असर, कवियों ने प्रस्तुत की रोचक कविताएं

  • Post By Admin on Feb 23 2025
कवि गोष्ठी में फगुनाहट का असर, कवियों ने प्रस्तुत की रोचक कविताएं

लखीसराय : जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में रविवार को चितरंजन रोड स्थित प्रभात चौक के भारती सभागार में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस गोष्ठी की अध्यक्षता जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष रामबालक सिंह ने की, जबकि जिला सचिव देवेंद्र सिंह आजाद ने कवि गोष्ठी सह परिचर्चा का संचालन किया।

कार्यक्रम में सम्मेलन के प्रचार-प्रसार और नवीकरण पर विचार-विमर्श किया गया, जिसके बाद कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। इस गोष्ठी में प्रस्तुत कविताओं में “फागुन है मस्त महीना सखी री” रचना का विशेष प्रभाव पड़ा, जिसे रामबालक सिंह ने प्रस्तुत किया। फगुनाहट और होली के रंगों को लेकर प्रस्तुत यह कविता श्रोताओं के बीच काफी सराही गई।

कविता प्रस्तुत करने वाले अन्य कवियों में देवेंद्र सिंह आजाद की रचना “नेह लगाकर हमने जाना जिंदगी क्या चीज है”, बलजीत कुमार की “खराब समय में सबसे पहले अपना परिवार है”, सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की “खुद पर हो विश्वास कर्म पर हो आस्था”, सुमन्त पांडे की “हवा फागुनी”, राजकुमार की “खेलन को आए होली” और मुंद्रिका सिंह की रचना “दया करो मां बाला त्रिपुर सुंदरी” शामिल थीं।

शिवदानी सिंह बच्चन की रचना “अंध आस्था में डुबकी लगावे” को भी मुक्त कंठ से सराहा गया। साथ ही, राजकुमार और भोला पंडित की रचनाओं को भी उपस्थित श्रोताओं ने काफी सराहा।