श्रम कानूनों में बदलाव से मजदूरों के अधिकारों पर कुठाराघात : भाकपा
- Post By Admin on Nov 26 2025
लखीसराय : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जिला परिषद लखीसराय ने प्रेस संवाद जारी करते हुए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम कोडों को मजदूर–विरोधी करार दिया है। भाकपा नेताओं का कहना है कि ये कोड मजदूरों की नौकरी–सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला हैं, जिससे देश का मजदूर वर्ग और अधिक असुरक्षित स्थिति में पहुँच जाएगा।
भाकपा ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में ट्रेड डिप्यूटेड बिल और पब्लिक सेफ्टी बिल कामगारों को जकड़ने के लिए लाए गए थे, जिनका विरोध करते हुए लाल लाजपत राय ने अपना बलिदान दिया था। पार्टी का आरोप है कि वर्तमान एनडीए सरकार भी मजदूरों के अधिकारों को सीमित करने वाली नीतियों को आगे बढ़ा रही है।
भाकपा जिला मंत्री हर्षित यादव और जिला कार्यकारिणी सदस्य रजनीश कुमार ने कहा कि नए श्रम कोडों से स्थायी रोजगार के अवसर कम होंगे और ठेका आधारित तथा फिक्स्ड-टर्म रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। इससे मजदूरों के भविष्य में असुरक्षा बढ़ेगी और उनके जीवन में स्थिरता खत्म हो जाएगी। काम के घंटे बढ़ने और ओवरटाइम में वृद्धि की आशंका से मजदूरों के स्वास्थ्य, निजी जीवन और परिवार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
पार्टी नेताओं ने यह भी कहा कि नए श्रम कोड यूनियनों की गतिविधियों को जटिल बनाते हैं, जिससे मजदूरों की आवाज और कमजोर होगी। उनका कहना है कि मजदूरों की एकता ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, और उस पर किसी भी प्रकार की रोक स्वीकार्य नहीं है। भाकपा ने सामाजिक सुरक्षा की वास्तविक स्थिति पर सवाल उठाया और कहा कि कागज़ों में भले ही सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ता दिखाई देता हो, लेकिन असंगठित मजदूरों, गिग वर्करों और प्लेटफॉर्म वर्करों तक इसका वास्तविक लाभ नहीं पहुँच पा रहा है। विकास तभी सार्थक है जब उसकी पहुँच सबसे कमजोर मजदूर तक हो।
भाकपा लखीसराय ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मजदूर–विरोधी प्रावधानों को तुरंत वापस लिया जाए और मजदूर संगठनों व यूनियनों के साथ संवाद कर श्रमिक हित में उचित समाधान निकाला जाए। पार्टी का कहना है कि सामाजिक सुरक्षा की गारंटी हर मजदूर तक पहुँचनी चाहिए और स्थायी रोजगार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अपनी अपील में भाकपा ने मजदूर भाइयों–बहनों, सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों से मजदूरों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। पार्टी ने कहा कि सड़क से संसद तक मजदूरों के हितों की लड़ाई जारी रहेगी और कोई भी कानून तभी सफल माना जाएगा, जब मजदूर का जीवन सुरक्षित, सम्मानजनक और स्थिर बने।