साइबर ओलंपियाड में अथर्व और आराध्या अव्वल, 32 देशों में चमकाया बिहार का नाम
- Post By Admin on Feb 27 2025

मुजफ्फरपुर : यूनिफाइड काउंसिल द्वारा आयोजित साइबर ओलंपियाड में मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के तितरा बिशनपुर गांव के मनु कुमार और अमृता कुमारी ने शानदार सफलता हासिल की है। अथर्व मनु (कक्षा 2) और आराध्या मनु (कक्षा 5) ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार-झारखंड में पहला स्थान प्राप्त कर प्रदेश का नाम रौशन किया है। आपको बताते चले कि इन बच्चों के पिता पेशे से मुजफ्फरपुर कोर्ट में अधिवक्ता हैं। उन्होंने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि बच्चें के अभिभावक यदि सक्रिय रहें तो बच्चें आसानी से हर मुकाम हासिल कर सकते हैं ।
32 देशों में एक साथ आयोजित होती है यह परीक्षा
यूनिफाइड काउंसिल द्वारा संचालित यह परीक्षा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है जो एक साथ 32 देशों में आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में दुनिया भर से हजारों छात्र भाग लेते हैं और अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। अथर्व और आराध्या की इस उपलब्धि ने बिहार में नया इतिहास रच दिया है।
अथर्व मनु का वर्ल्ड रिकॉर्ड और साइंस ओलंपियाड में सफलता
अथर्व मनु पहले भी कई बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। उन्होंने दो बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। साथ ही वे साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन द्वारा आयोजित परीक्षा में 72 देशों के बीच तीसरा स्थान प्राप्त कर चुके हैं। उनकी यह उपलब्धि शिक्षा जगत में एक बड़ी प्रेरणा है।
आराध्या की पहली बड़ी सफलता
आराध्या मनु के लिए यह उनकी पहली बड़ी उपलब्धि है। अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और सही मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी सफलता हासिल की जा सकती है। आराध्या की इस उपलब्धि से उनके परिवार और गांव में हर्ष का माहौल है।
बेटे-बेटी की सफलता पर माता-पिता गौरवान्वित
अथर्व और आराध्या के माता-पिता मनु कुमार और अमृता कुमारी पेशे से अधिवक्ता हैं। उन्होंने बच्चों की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि "हमारे लिए यह गर्व का क्षण है। बच्चों की मेहनत और समर्पण का परिणाम आज पूरे जिले के लिए प्रेरणा बन गया है। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।"
गांव और जिले में जश्न का माहौल
दोनों बच्चों की सफलता की खबर मिलते ही गांव और जिले में खुशी की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। गांव के बुजुर्गों और समाज के अन्य लोगों ने उन्हें आशीर्वाद दिया और आगे भी ऐसे ही सफलता प्राप्त करने की शुभकामनाएं दीं।
बिहार के लिए गौरव का पल
अथर्व और आराध्या की यह सफलता केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि बिहार और झारखंड के लिए भी गर्व का विषय है। उनके इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती बल्कि मेहनत और समर्पण से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है। इस सफलता के बाद अथर्व और आराध्या अब अगली प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुट गए हैं। वे आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पूरी मेहनत से तैयारी कर रहे हैं। उनकी इस मेहनत और लगन को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे आने वाले समय में देश का नाम और भी ऊंचा करेंगे।