अमृतपाल यदि सरेंडर करता है तो नहीं होगा टॉर्चर: सीएम भगवंत मान

  • Post By Admin on Mar 31 2023
अमृतपाल यदि सरेंडर करता है तो नहीं होगा टॉर्चर: सीएम भगवंत मान

पंजाब: खालिस्तान नेता और 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने 18 मार्च से कार्रवाई शुरू की थी. तब से अमृतपाल फरार चल रहा है. पुलिस से बचने के लिए वह एक जगह से दूसरी जगह अपना पता चेंज करते रहता है. पंजाब पुलिस अपनी पूरी कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक अमृतपाल का पता नहीं चल पाया है. अब अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि अगर अमृतपाल खुद को सरेंडर करता है तो किसी के ऊपर टॉर्चर नहीं किया जाएगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह अमृतसर में अकाल तख्त के सामने सरेंडर कर सकता है. सीएम भगवंत मान से जब सवाल पूछा गया कि क्या अमृतपाल ने आत्मसमर्पण करने के लिए कोई शर्त राखी है तो उन्होंने कहा कि " हम उसको भरोसा दिलाते हैं कि किसी भी तरफ का टॉर्चर नहीं किया जाएगा. पुलिस कानून सीमा में रहकर अपना काम करेगी".

बता दें कि खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने गुरुवार यानि 30 मार्च को एक नया वीडियो जारी किया था. उसने कहा कि उसका सरेंडर करने का कोई इरादा नहीं है. अमृतपाल ने यह भी कहा कि वह गिरफ्तारी से नहीं डरता है. और ना ही उसकी विदेश भागने की कोई योजना है. अमृतपाल ने वीडियो में बैसाखी पर सरबत खालसा बुलाने की मांग करते हुए खुद को बागी बताया है. उसने कहा 'मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता लेकिन बगावत के रास्ते पर इस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता रहता है. वहीं पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए होशियारपुर के एक गांव में ड्रोन तैनात किये थे. पंजाब पुलिस को दो दिन पहले होशियारपुर में एक संदिग्ध कार का पीछा किया था. जिसके बाद कार सवार गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था. पुलिस को शक था कि उस कार में अमृतपाल सिंह और उसका खास आदमी पप्पलप्रीत सिंह हो सकते हैं. पुलिस की खुफिया टीम ने कार बरामद की है.

अमृतपाल के बारे में जानकारी मिली है कि वह एक बार फिर से पंजाब आया है. वह अमृतसर में घुसने के फिराक में है. आईएसआई के इशारे पर अमृतपाल सिंह और उसका खास आदमी पप्पलप्रीत सिंह नेपाल सीमा तक पहुंचे हुए थे. दोनों को नेपाल में प्रवेश करना था. जिसके बाद आईएसआई के स्लीपर सेल की मदद से अमृतपाल और पप्पलप्रीत को किसी दूसरे देश के आईएसआई के शेल्टर हाउस में भेजा जाना था. भारत सरकार की सख्ती की वजह से वह दोनों नेपाल में प्रवेश नहीं कर सके. जिसके बाद आईएसआई ने अमृतपाल को वापस पंजाब लौटने का इशारा किया.