देश को बिखेरने वाली ताकत के साथ खड़ी है सोनिया गांधी, शिक्षा विरोधी हैं नीतीश : राकेश सिन्हा

  • Post By Admin on Apr 12 2023
देश को बिखेरने वाली ताकत के साथ खड़ी है सोनिया गांधी, शिक्षा विरोधी हैं नीतीश : राकेश सिन्हा

बेगूसराय: राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा है कि सोनिया गांधी को आत्म चिंतन करनी चाहिए। नरेन्द्र मोदी की सरकार शक्ति का दुरुपयोग नहीं, पूरी तरह से सदुपयोग कर रही है। लोकतंत्र के सभी स्तंभ को मजबूत कर रही है। सोनिया गांधी की तरह देश को कठपुतली नहीं समझती है, बल्कि समग्र विकास करते हुए दुनिया में झंडा बुलंद कर रही है।

दो दिवसीय प्रवास पर अपने गृह जिला बेगूसराय आए प्रो. राकेश सिन्हा ने बुधवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी ताकत का उपयोग कर अलगाववादियों को शांत कर दिया। कश्मीर में आतंकवादी गतिविधि समाप्त कर दी, धारा 370 समाप्त कर दिया। मनमोहन सिंह के राज में मंदिर से बाजार तक बम फूटते थे। उस आंतरिक सुरक्षा को अपनी ताकत से मोदी सरकार ने ठीक कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी ताकत का उपयोग कर भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति बहाल किया। चीन को बाध्य कर दिया कि तुम भारत की ओर आंख उठाकर नहीं देख सकते हो, एक कदम आगे नहीं बढ़ा सकते हो। यदि यह शक्ति का दुरुपयोग है तो सोनिया गांधी बता दें की शक्ति का सदुपयोग किसे कहते हैं। वास्तव में सोनिया गांधी उन ताकतों के साथ खड़ी है जो देश को बिखेरना चाहते हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारत को तोड़ने की आवाज उठती है तो राहुल गांधी उस आवाज के समर्थन में खड़े होते हैं।

राकेश सिन्हा ने कहा कि अरुंधति राय जब भारत को कश्मीर से अलग करने की बात करती है तो सोनिया गांधी और उनकी पार्टी अरुंधति राय के साथ खड़ी हो जाती है। सोनिया गांधी को आत्म चिंतन करनी चाहिए कि वह भारत की मिट्टी में सांस लेती है, इस देश का अनाज खाती है, इसी देश का पानी पीती है। जनता के बीच जाती है तो जनता की भाषा बोलनी चाहिए। सरकार पर सिर्फ अनर्गल आरोप लगाना विपक्ष का कर्तव्य नहीं है। सोनिया गांधी के सुपुत्र विदेश जाकर भारत के लोकतंत्र को बदनाम कर रहे हैं। वह भी ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया को बता रहे हैं कि भारत विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र है, यहीं पर सबसे प्राचीन लोकतांत्रिक व्यवस्था है। सोनिया गांधी बता दें कि जिस प्रकार राहुल गांधी ने कैबिनेट के फैसले को प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ दिया था, वह प्रधानमंत्री के पद और मंत्री परिषद के महत्व को बढ़ाने का काम था क्या। सोनिया गांधी कठपुतली प्रधानमंत्री बनाकर देश में शासन करना चाहती हैं। देश को कठपुतली की तरह नचाना चाहती है, उन्हें पता होना चाहिए कि यह देश कठपुतली नहीं है। इस देश में आत्म चेतना, जन स्वर और जन अपेक्षाओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक रूप में अभिव्यक्त कर अपने विकास कार्यक्रमों से सबको प्रेरित किया है। सोनिया गांधी की लोकतंत्र में निष्ठा नहीं है जो कांग्रेस के आंतरिक राजनीति में दिखाई पड़ता है।

राकेश सिन्हा ने बिहार सरकार द्वारा लाए गए शिक्षक नियमावली 2023 का भी जबरदस्त विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की सरकार में शिक्षकों का अपमान हो रहा है। जो शिक्षक बनने के लिए चुने गए, उनकी योग्यता, उनकी महत्ता और पुरुषार्थ पर संदेह करके सरकार उनका अपमान कर रही है। क्या नीतीश कुमार की सरकार बीपीएससी से सेलेक्ट होने वाले के लिए भी यह नियम बनाएगी। उन्होंने कहा कि रोजगार देने में असमर्थ सरकार अपनी असमर्थता को छिपाने के लिए जलेबी की तरह गोल-गोल घुमा रही है। यह काम बंद करें, नियुक्त शिक्षकों को स्थाई माना जाए, उन्हें सुविधा दी जाए। इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए, यह शिक्षा विरोधी आचरण है। शिक्षक नियमावली 2023 से नीतीश कुमार का शिक्षा विरोधी चरित्र सबके सामने आ गया है।