मुजफ्फरपुर में निकली विराट भूमिहार-ब्राह्मण जनाक्रोश यात्रा, जातीय सम्मान व भूमि अधिकारों को लेकर सरकार से उठाई मांग

  • Post By Admin on Aug 07 2025
मुजफ्फरपुर में निकली विराट भूमिहार-ब्राह्मण जनाक्रोश यात्रा, जातीय सम्मान व भूमि अधिकारों को लेकर सरकार से उठाई मांग

मुजफ्फरपुर : जिले में आज एक ऐतिहासिक आयोजन के तहत विराट भूमिहार ब्राह्मण जनाक्रोश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसने जिले की राजनीति और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया। यह यात्रा लंगट सिंह महाविद्यालय परिसर से शुरू हुई, जहां सबसे पहले बाबू लंगट सिंह की भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद कलम के जादूगर रामवृक्ष बेनीपुरी और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रतिमाओं पर भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इन महापुरुषों को नमन करने के पश्चात हजारों की संख्या में जुटे लोगों के साथ जनाक्रोश यात्रा ने अपना सफर प्रारंभ किया।

यह जनाक्रोश यात्रा मोतीझील और कल्याणी मार्ग होते हुए समाहरणालय पहुंची, जहां जिलाधिकारी महोदय को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस आंदोलन में मुजफ्फरपुर जिले के सभी 16 प्रखंडों के प्रतिनिधि शामिल हुए और अनुमानित 250 से अधिक लोगों की भागीदारी ने इसे विराट स्वरूप प्रदान किया। जनाक्रोश यात्रा का मुख्य उद्देश्य भूमिहार ब्राह्मण जाति को राज्य सरकार द्वारा जारी की गई जातीय सूची में विधिवत शामिल कराना और उनकी पहचान सुनिश्चित कराना था।

यात्रा के दौरान यह मांग भी प्रमुखता से उठाई गई कि भूमिहार ब्राह्मण जाति के ज़मीन संबंधी रिकार्ड, जैसे कि जमाबंदी और मालगुज़ारी रसीद, में व्यापक स्तर पर जो त्रुटियाँ पाई गई हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से सुधारा जाए। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि डिजिटलाइजेशन के नाम पर पुरानी जमाबंदी रजिस्टर की अनदेखी कर दी गई है, जिसके चलते भूमिहार ब्राह्मण समुदाय की भूमि संबंधित जानकारी या तो ग़लत दर्ज की गई है या पूरी तरह से गायब कर दी गई है।

वक्ताओं ने ज़ोर देकर कहा कि अंचल कार्यालयों में मौजूद रिकार्ड्स को ही प्रमाण मानते हुए डिजिटल प्रक्रिया दोबारा करवाई जाए और रैयतों को अनावश्यक कागजी परेशानियों से राहत दी जाए। साथ ही भूमिहार ब्राह्मण जाति के ज़मीन पर किसी अन्य जाति के नाम से मालगुज़ारी रसीद निर्गत किए जाने पर भी आपत्ति जताई गई और इसे जातीय पहचान के साथ खुला अन्याय बताया गया।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि दाखिल-खारिज और निबंधन कार्यालयों में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिससे भूमिहार ब्राह्मण समाज के लोगों को अक्सर ज़मीन से जुड़े मामलों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त मुजफ्फरपुर में जारी ज़मीन सर्वेक्षण कार्य में भी जातीय पहचान के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की गई।

ज्ञापन में यह मांग भी स्पष्ट रूप से की गई कि भूमिहार ब्राह्मण समुदाय के लोगों को उनका जाति प्रमाण पत्र स्पष्ट रूप से उनके वास्तविक जातीय नाम के साथ निर्गत किया जाए, न कि किसी अन्य जाति के नाम पर।

इस विराट जनाक्रोश यात्रा में जिले के कई प्रमुख बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता, पंचायत प्रतिनिधि और युवाओं ने भाग लिया। यात्रा का नेतृत्व वरिष्ठ समाजसेवी नित्यानंद शर्मा, एडवोकेट डॉ. शंभू प्रसाद सिंह (अध्यक्ष), संयोजक डॉ. विजयेश कुमार, जन सुराज नेता अविनाश तिरंगा, सुगंध कुमार, खबड़ा के मुखिया प्रतिनिधि पंकज कुमार, डॉ. मुकुंद, डॉ. नवनीत शांडिल्य, अभिषेक ओझा, सुनील कुमार, प्रेम कुमार सिंह, राम किशोर सिंह, सुरेंद्र कुमार, नीतीश कुमार, संजय ठाकुर, मृत्युंजय दास, डॉ. केशव किशोर सहित सैकड़ों गणमान्य लोगों ने किया।

विराट भूमिहार ब्राह्मण जनाक्रोश यात्रा ने एक ओर जहां समाज की एकता और जागरूकता को दर्शाया, वहीं सरकार को यह संदेश भी दिया कि अगर समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।