भागवत कथा में छठे दिन हुआ राम लला का वर्णन
- Post By Admin on Dec 21 2024

मुजफ्फरपुर : जिले के पंकज मार्केट स्थित सत्संग भवन में श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को मुख्य जजमान राज कुमार चौधरी, प्रमोद संथालिया, अनूप खेतान ने पूजा अर्चना कर कथा की शुरुआत की। आचार्य राजेश शर्मा ने व्यास पीठ से भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव से शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है।
इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्ण सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नहीं कर पाया और उसे ही परास्त होना पड़ा। रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है।
गोपी गीत पर बोलते हुए आचार्य राजेश शर्मा ने कहा कि जब जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है और उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया।
इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक, नहीं तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है।
श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। कथा के दौरान आचार्य राजेश व्यास ने भजन प्रस्तुत किए। मौके पर उमा चेतन, रानी चेतन, सुधा चौधरी, राखी संथालिया, प्रेमा चाचान, राखी चौधरी, सोनी खेतान आदि लोग उपस्थित रहे। वहीं जानकारी देते हुए बताया गया कि कथा के अंतिम और सातवें दिन प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक कथा आयोजित किया जाएगा।