प्रकाश पर्व : हरमंदिर साहिब में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, नगर कीर्तन और अखंड पाठ से गूंजा अमृतसर

  • Post By Admin on Aug 24 2025
प्रकाश पर्व : हरमंदिर साहिब में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, नगर कीर्तन और अखंड पाठ से गूंजा अमृतसर

अमृतसर : श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश पर्व रविवार को पूरे देश-विदेश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर अमृतसर स्थित सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में संगतें गुरुद्वारे में माथा टेकने, अरदास करने और गुरबाणी की दिव्य वाणी का आशीर्वाद लेने पहुँचीं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को संपूर्ण मानवता का पवित्र मार्गदर्शक माना जाता है। इसमें दर्ज गुरबाणी का संदेश हर धर्म और वर्ग को समानता, भाईचारे और सद्भाव के सूत्र में बांधता है। यही कारण है कि प्रकाश पर्व के अवसर पर केवल सिख धर्मावलंबी ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में अमृतसर पहुँचते हैं।

प्रकाश पर्व से पहले शुक्रवार को गुरुद्वारा रामसर साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ किया गया था, जिसका भोग रविवार सुबह संपन्न हुआ। इसके उपरांत गुरुद्वारे में विशेष कीर्तन दरबार सजाया गया। सचखंड श्री हरमंदिर साहिब को फूलों से सजाकर भव्य स्वरूप प्रदान किया गया, जिससे पूरे परिसर का दृश्य अत्यंत मनमोहक हो गया। रंग-बिरंगी लाइटिंग और फूलों की सजावट ने श्रद्धालुओं को गहरे आध्यात्मिक भाव से जोड़ दिया।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की ओर से परंपरा के अनुसार रविवार को नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा रामसर साहिब से शुरू हुआ यह नगर कीर्तन खालसाई परंपराओं और धार्मिक ध्वजों के साथ सचखंड श्री हरमंदिर साहिब पहुँचा और आगे बढ़कर श्री अकाल तख्त साहिब पर संपन्न हुआ। नगर कीर्तन में बड़ी संख्या में निहंग सिखों ने अपनी परंपरागत शस्त्र विद्या का प्रदर्शन किया। कीर्तन रथ में पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सजाकर विराजमान किया गया और संगत ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

इस मौके पर श्री दरबार साहिब के मैनेजर भगवंत सिंह धगेड़ा ने बताया कि प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए थे। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी की देखरेख में तैयारियां पहले से शुरू कर दी गई थीं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

प्रकाश पर्व के अवसर पर अमृतसर शहर गुरबाणी और वाहेगुरु के जयकारों से गूंज उठा। संगतों ने गुरु घर की रसोई (लंगर) में भी सेवा निभाई। हरमंदिर साहिब परिसर में दिनभर श्रद्धालु अरदास करते, शबद कीर्तन सुनते और गुरु घर की परंपरा के अनुसार सेवा करते नजर आए।

देश और विदेश से आए श्रद्धालुओं ने इस पर्व को आत्मिक शांति, समानता और भाईचारे का संदेश देने वाला बताया। पंजाब सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भी आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक इंतज़ाम किए थे।

इस प्रकार, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश पर्व न केवल आस्था और श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि इसने एक बार फिर मानवता, शांति और सद्भाव का वह अमूल्य संदेश भी दोहराया, जो पूरी दुनिया को जोड़ने की प्रेरणा देता है।