मांझी के बयान से बिहार की राजनीति गरमाई, सीट बंटवारे पर उठे सवाल
- Post By Admin on Jan 22 2025

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से जोर पकड़ने लगी है। इसी बीच हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। मुंगेर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांझी ने विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर बड़ा बयान दिया, जिससे एनडीए के भीतर असमंजस और सियासी पारा बढ़ गया है।
मांझी की सीटों पर दावेदारी
जीतन राम मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी का जनाधार बढ़ा है। उन्होंने एनडीए से विधानसभा चुनाव में 40 सीटों की दावेदारी की और साफ किया कि अगर उनकी पार्टी को 20 से कम सीटें मिलती हैं, तो यह उनके लिए स्वीकार्य नहीं होगा। मांझी ने यह भी जोड़ा कि अगर उनकी पार्टी को उचित सीटें नहीं मिलतीं, तो इसका नुकसान एनडीए को उठाना पड़ेगा।
प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल या मतभेद?
जीतन राम मांझी को प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर माना जाता है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने इसी तरह की रणनीति अपनाई थी। लेकिन इस बार हालात कुछ अलग नजर आ रहे हैं। मांझी के बयान के बाद उनके बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि उनकी पार्टी ने एनडीए के सामने कोई सीटों की मांग नहीं रखी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मांझी के बयान को मीडिया में तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
हम पार्टी में आंतरिक मतभेद?
संतोष कुमार सुमन के बयान से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के भीतर मतभेद हैं। एक ओर मांझी सीटों पर दबाव बनाते नजर आ रहे हैं, तो दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष और उनके बेटे सुमन इन बयानों को खारिज कर रहे हैं। यह स्थिति एनडीए के लिए भी चुनौती बन सकती है, क्योंकि मांझी के समर्थन से गठबंधन को दलित वोट बैंक में मजबूती मिलती है।