सद्भाव का ठेका सिर्फ हिंदू समाज ने नहीं लिया है, सड़क किसी की जागीर नहीं है : रघुवर दास
- Post By Admin on Mar 17 2025

गिरिडीह : जिले में 14 मार्च को होली जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प होने से स्थिति गंभीर हो गई थी। इस बवाल में कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। इस घटना को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की आलोचना तेज हो गई है और बीजेपी नेताओं ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुवर दास ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने गिरिडीह में हुए इस हिंसक घटनाक्रम को लेकर राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि जबसे कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी की सरकार बनी है, तबसे राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। रघुवर दास ने घटना की न्यायिक जांच की भी मांग की है।
रघुवर दास ने शनिवार को देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद गिरिडीह का दौरा किया। वहां उन्होंने हिंसा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और मौके से ही गिरिडीह के एसपी बिमल कुमार से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, “सद्भाव का ठेका सिर्फ हिंदू समाज का नहीं है, क्या अब हिंदू समाज को अपने त्योहारों पर जुलूस निकालने के लिए दूसरे समुदाय से अनुमति लेनी होगी? सड़क किसी की जागीर नहीं है। दूसरे समुदाय के पर्व में कभी हिंसा नहीं होती, पर हिंदू समुदाय के पर्व में हमेशा हिंसा हो रही है। इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राज्य में प्रशासन को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन निर्दोष हिंदू लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। रघुवर दास ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो भारतीय जनता पार्टी चुप नहीं बैठेगी और पूरे हिंदू समुदाय के साथ सड़क पर उतरकर हेमंत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।
इसके अलावा, रघुवर दास ने झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता, गिरिडीह एसपी बिमल कुमार और एसडीएम से भी इस मुद्दे पर बातचीत की। उनका कहना था कि इस घटना की पूरी तरह से न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा सके।
गिरिडीह में हुए इस बवाल ने राज्य में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा कर दी है और विपक्ष ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है और क्या स्थिति सामान्य होती है।