कर्ज के जंजाल में फंसी युवा पीढ़ी, उपभोक्तावाद की होड़ से बढ़ रहा संकट
- Post By Admin on Sep 28 2025
.jpg)
मुजफ्फरपुर : बदलती जीवनशैली और आधुनिक सुविधाओं की चाह ने युवा पीढ़ी को कर्ज के ऐसे जाल में उलझा दिया है, जिससे निकलना कठिन होता जा रहा है। नौकरी शुरू होते ही घर, गाड़ी, मोबाइल, ए.सी., फर्नीचर जैसी सुविधाओं को तुरंत पाने की चाह में युवा बिना सोचे-समझे लोन लेने की प्रवृत्ति में फंसते जा रहे हैं।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों की आसान किस्तें और आकर्षक ऑफर्स इस प्रवृत्ति को और बढ़ावा देते हैं। नतीजा यह होता है कि एक लोन खत्म होने से पहले दूसरा लोन ले लिया जाता है। धीरे-धीरे यह आदत उन्हें कर्जखोरी के ऐसे जाल में ले जाती है, जहां से निकलना मुश्किल हो जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति केवल आर्थिक स्थिरता को प्रभावित नहीं करती, बल्कि मानसिक तनाव और असुरक्षा भी बढ़ाती है। कर्ज अब मजबूरी नहीं, बल्कि फैशन का हिस्सा बन गया है। युवाओं की पूरी कमाई का बड़ा हिस्सा किश्तों और ब्याज चुकाने में खर्च हो जाता है।
समाजशास्त्रियों का सुझाव है कि इस समस्या का समाधान युवाओं की सोच में बदलाव से ही संभव है। जरूरत और दिखावे के बीच फर्क करना और आय-व्यय में संतुलन बनाना समय की मांग है। सुख-सुविधा की वस्तुएं जरूरी हैं, लेकिन क्षमता और भविष्य की योजनाओं को नजरअंदाज कर कर्ज में डूबना जीवन को बोझिल बना देता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आज आवश्यकता है स्मार्ट कंज्यूमर के साथ-साथ स्मार्ट सेविंग की। यदि युवा वर्ग बचत की आदत डालें और योजनाबद्ध खर्च करें, तभी कर्ज के इस जंजाल से मुक्ति मिल सकती है और आने वाली पीढ़ी एक सुरक्षित एवं स्वतंत्र जीवन जी पाएगी।
(लेखक: शशि सिद्धेश्वर कुमार "गुलाब यादव")