20 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

  • Post By Admin on Sep 19 2024
20 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

लखीसराय : सदर अस्पताल लखीसराय में 20 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर-सह-स्वास्थ्य उपकेन्द्रों के एनक्यूएएस (राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक) प्रमाणीकरण के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभारी सिविल सर्जन सह सचिव, सदर अस्पताल लखीसराय द्वारा की गई, जबकि संचालन जिला कार्यक्रम प्रबंधक और जिला योजना समन्वयक ने किया। 

तकनीकी सहयोग पिरामल फाउंडेशन के क्षेत्रीय हेड मुंगेर, डॉ. पवन सिंह और सरिता द्वारा प्रदान किया गया। प्रशिक्षकों ने एनक्यूएएस चेकलिस्ट पर विस्तार से जानकारी दी, जिसमें इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन, दस्तावेजीकरण, आउटकम और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। 

एनक्यूएएस प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन करती है, जिसमें कम से कम सात मानकों पर ध्यान दिया जाता है, जैसे सेवाएं, मरीजों की संतुष्टि, क्लिनिकल सेवाएं, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सेवाएं, और गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन। अच्छे प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है, जो सार्वजनिक अस्पतालों की विश्वसनीयता और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने जानकारी दी कि चिन्हित 20 स्वास्थ्य केंद्रों का प्रमाणीकरण 25 सितंबर 2024 तक पूरा करना है। इसके बाद जिला, राज्य और केंद्र की टीम द्वारा इन केंद्रों का मूल्यांकन किया जाएगा। जिन संस्थानों का स्कोर 70 प्रतिशत या उससे अधिक होगा, उन्हें एनक्यूएएस का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। 

प्रशिक्षण कार्यशाला में शामिल होने वाले स्वास्थ्य संस्थानों में जानकीडीह, गोपालपुर, मननपुर, वलीपुर, राहतपुर, भवानीपुर, कोनिपार, खावा, तेतरहट, रामनगर बरतारा, बिल्लो, गढ़ीबिशनपुर, बेलौरी, रेहूआ, दरियापुर, सहजादपुर, बिरुपुर, तरहारी, बहछा और सांढ़माफ के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित थे। 

प्रभारी सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि सभी चिन्हित संस्थानों को दिए गए समय के भीतर प्रमाणीकरण सुनिश्चित करना होगा, ताकि वे राष्ट्रीय स्तर पर भी मूल्यांकन के लिए पात्र हो सकें।