भीषण गर्मी में पैथोलॉजी में मरीजों को करनी पड़ी लंबी इंतजार, पानी और व्यवस्था का अभाव

  • Post By Admin on Jun 11 2024
भीषण गर्मी में पैथोलॉजी में मरीजों को करनी पड़ी लंबी इंतजार, पानी और व्यवस्था का अभाव

मुजफ्फरपुर : भीषण गर्मी के चलते सदर अस्पताल के पैथोलॉजी केंद्रों पर मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है, जहां पानी और उचित व्यवस्था का अभाव है। स्थानीय पैथोलॉजी में जांच के लिए आने वाले मरीजों ने आरोप लगाया है कि वहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है और गर्मी से निपटने के लिए भी पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं।

मरीजों ने शिकायत की कि पैथोलॉजी में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। लंबी कतारों में खड़े लोगों को इस चिलचिलाती धूप में प्यास से जूझना पड़ता है। एक मरीज ने कहा, "यहां कोई पानी की व्यवस्था नहीं है। हमें अपनी बोतलें लानी पड़ती हैं, जो कई बार पर्याप्त नहीं होती।" लाइन में खड़े कई मरीज गर्मी के कारण बेहोश हो गए। एक एएनएम (एएनएम का पूरा नाम उजागर नहीं किया गया) भी गर्मी से बेहोश हो गई, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। एक अन्य मरीज ने बताया, "गर्मी इतनी ज्यादा है कि लोग बेहोश हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।"

पैथोलॉजी के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने माना कि गर्मी में मरीजों को कठिनाई हो रही है। एक अधिकारी ने कहा, "हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मरीजों को सुविधा मिले, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। जल्द ही उचित व्यवस्था की जाएगी।"

मरीजों ने यह भी बताया कि गर्मी से बचाव के लिए कोई शेड या कूलिंग व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे उनकी समस्याएँ और बढ़ गई हैं। कुछ मरीजों ने सुझाव दिया कि "प्रबंधन को चाहिए कि यहां पेयजल, छाया और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करें ताकि मरीजों को कम से कम इस भीषण गर्मी में राहत मिल सके।"

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। मरीजों ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया है कि वे तुरंत प्रभावी कदम उठाएँ और पैथोलॉजी में जांच के लिए आने वाले मरीजों के लिए पानी और गर्मी से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था करें।

भीषण गर्मी के बीच मरीजों को पैथोलॉजी में लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी परेशानियाँ बढ़ती हैं बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है। प्रशासन को इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिल सके और उन्हें जांच के लिए अनावश्यक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।