पटाखों से आंखों की सुरक्षा के लिए एएसजी आई हॉस्पिटल का अभियान - स्वस्थ दृष्टि, सुरक्षित दिवाली
- Post By Admin on Oct 20 2025

मुजफ्फरपुर : दीपावली के शुभ अवसर पर जब देशभर में रोशनी और उत्सव का माहौल है, उसी बीच एएसजी आई हॉस्पिटल ने एक अनोखी सामाजिक पहल की घोषणा की है। अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र एवं ग्लॉकोमा विशेषज्ञ डॉ. अमरेन्द्र कुमार ने “स्वस्थ दृष्टि, सुरक्षित दिवाली” विषय पर आयोजित संवर्धित भाषण में कहा कि दीपावली रोशनी का पर्व है, लेकिन हर साल असावधानी के कारण कई घरों में अंधकार छा जाता है जब पटाखों की चिंगारी किसी बच्चे की आंखों की रोशनी छीन लेती है।
निःशुल्क परामर्श और सर्जरी की घोषणा
इस चिंता को ध्यान में रखते हुए, एएसजी आई हॉस्पिटल ने विशेष पहल की शुरुआत की है। इसके तहत 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पटाखों से संबंधित आंखों की चोटों के लिए निःशुल्क परामर्श और आवश्यक सर्जरी की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह सेवा 15 से 24 अक्टूबर 2025 तक देशभर के सभी एएसजी केंद्रों पर उपलब्ध रहेगी। मरीजों को केवल फार्मेसी, एनेस्थीसिया और ऑप्टिकल सेवाओं की लागत वहन करनी होगी।
आँकड़े दे रहे चेतावनी
डॉ. अमरेन्द्र ने बताया कि वर्ष 2023 में देशभर में पटाखों से आंखों की चोटों के 2000 से अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे थे। इनमें से 10 प्रतिशत बच्चों ने स्थायी दृष्टि खो दी। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस बात के प्रमाण हैं कि दीपावली की खुशियों के बीच सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सुरक्षा के 10 संकल्प
डॉ. अमरेन्द्र ने लोगों से अपील करते हुए दीपावली के लिए 10 नेत्र सुरक्षा संकल्प साझा किए —
-
पटाखे जलाते समय सुरक्षात्मक चश्मा या गॉगल्स पहनें।
-
5 से 6 मीटर की सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
-
बच्चों को केवल बड़ों की निगरानी में पटाखे जलाने दें।
-
अवैध या घरेलू पटाखों से बचें।
-
जलते पटाखों पर कभी झुकें या दोबारा न जलाएँ।
-
पटाखे चलाने के बाद हाथ अच्छी तरह धोएँ।
-
फूटे बिना बचे पटाखों को पानी में डालकर निष्क्रिय करें।
-
पानी या रेत की बाल्टी पास रखें।
-
नशे की हालत में पटाखे न जलाएँ।
-
आंख में चोट लगने पर न रगड़ें, न धोएँ — तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जनता से अपील
अंत में डॉ. अमरेन्द्र ने कहा — “दीपावली का अर्थ केवल रोशनी नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे की आंखों की रोशनी सुरक्षित रहे। इस वर्ष हम सब ‘सुरक्षित दीपावली, स्वस्थ दृष्टि वाली’ का संकल्प लें।”
उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने परिवार और समाज में इस संदेश का प्रसार करें —
“किसी की आंख में आँसू नहीं, हर आंख में उजाला हो — यही सच्ची दीपावली है।”