नारियल पानी : सामान्य पेय नहीं, मरीजों के लिए है अमृत
- Post By Admin on Oct 03 2025
.jpg)
नई दिल्ली : नारियल पानी, प्रकृति का स्वास्थ्यवर्धक तोहफा, आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी माना गया है। हरे नारियल के मीठे और पारदर्शी तरल में पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सोडियम जैसे जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते हैं, जो इसे हल्का, कम कैलोरी और पूरी तरह प्राकृतिक पेय बनाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, यह मरीजों के लिए अमृत समान है। बुखार, उल्टी या दस्त जैसी स्थितियों में शरीर में पानी और खनिजों की कमी हो जाती है। ऐसे समय में नारियल पानी तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और डिहाइड्रेशन को रोकता है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है।
किडनी रोगियों के लिए यह विशेष लाभकारी है, क्योंकि इसमें सोडियम कम और पोटैशियम अधिक होता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने और मूत्र के जरिए विषैले तत्व निकालने में मदद करता है। डायबिटीज रोगी भी इसे सुरक्षित रूप से पी सकते हैं, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है और यह ब्लड शुगर को अचानक बढ़ाता नहीं।
हृदय रोगियों के लिए नारियल पानी लाभकारी है। यह कोलेस्ट्रॉल मुक्त है, दिल की धड़कन संतुलित रखता है और पोटैशियम उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। साथ ही यह लीवर को साफ करता है और शरीर में ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया को मजबूत बनाता है।
एसिडिटी, गैस या जलन की समस्या में भी यह राहत पहुंचाता है। पेट को ठंडक प्रदान करके अम्लपित्त को संतुलित करता है। त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे मुंहासे, रैशेज या खुजली में भी नारियल पानी पीने और त्वचा पर लगाने से लाभ मिलता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
रोजाना 1-2 नारियल पानी पर्याप्त है। सुबह खाली पेट इसका सेवन फायदेमंद होता है, जबकि बुखार या उल्टी-दस्त में हर 3-4 घंटे पर लेना बेहतर रहता है। एक्सरसाइज के बाद भी यह इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने में आदर्श है।
हालांकि, किडनी में पोटैशियम की अधिकता वाले मरीजों को इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए और अत्यधिक असंतुलित ब्लड शुगर वाले लोगों को डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।