केएसएस कॉलेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित, विद्यार्थियों ने उठाई मूलभूत सुविधाओं की मांग

  • Post By Admin on Apr 22 2025
केएसएस कॉलेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित, विद्यार्थियों ने उठाई मूलभूत सुविधाओं की मांग

लखीसराय : बालगुदर गांव स्थित केएसएस कॉलेज में मंगलवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। "आज के भारत में युवा शक्ति: नई चुनौतियां और संभावनाएं" विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी का आयोजन मुंगेर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग और भारतीय इतिहास एवं साहित्य अध्ययन केंद्र, कोलकाता के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। संगोष्ठी में मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. आनंद कुमार और देवघर के लेखक-चिंतक प्रसन्न चौधरी जैसे प्रमुख वक्ता शामिल हुए।  

संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. हितेंद्र पटेल ने की, जो रविंद्र भारतीय विश्वविद्यालय, कोलकाता के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं। कुलपति प्रो. संजय कुमार ने युवाओं को लेकर सरकारी नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार को गंभीर कदम उठाने होंगे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को देश के भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक बताया।  

प्रसन्न चौधरी ने "हम भारत के लोग" और सांस्कृतिक बहुलता पर अपने विचार रखे, साथ ही इंटरनेट के कारण युवा समाज में हुए बदलावों पर चर्चा की। प्रो. पटेल ने युवाओं में अतीत के प्रति रुचि की कमी और भविष्य के प्रति सचेतता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने दस्तावेजीकरण और ऐतिहासिक विश्लेषण की अहमियत पर विचार व्यक्त किए।  

इस अवसर पर जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने कार्यानंद शर्मा स्मृति कॉलेज के उन्नयन के लिए कुलपति से सहयोग की अपील की। संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने भी सक्रिय भागीदारी की और सवाल-जवाब सत्र में भाग लिया।  

हालांकि, कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जिला संयोजक मनीष यदुवंशी ने जिले के सरकारी और वित्त रहित कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर हंगामा किया। उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद कुलपति ने सभी कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।  

कार्यक्रम का संचालन डॉ. बबली कुमारी ने किया, जबकि स्वागत भाषण प्रो. गिरीश चंद्र पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बृजेंद्र कुमार बृजेश ने दिया।