एक माँ ने ले ली अपने ही मासूम बच्चे की जान

  • Post By Admin on Jun 22 2018
एक माँ ने ले ली अपने ही मासूम बच्चे की जान

नई दिल्ली: स्किजोफ्रेनिया से ग्रसित एक माँ ने अपने आठ महीने के बच्चे की जान ले ली। मां ने धारदार चाकू से बेटे का गला काट दिया। इससे भी जब मन नहीं भरा तो उसने मासूम की आंख, नाक और कान भी काट डाले। ईंट से मार मारकर उसका चेहरा कुचल दिया। वहशीपन की हद तो तब हो गई, जब उसने अपने जिगर के टुकड़े का पेट काटकर उसका दिल, लिवर और अन्य अंग निकालकर अलग रख दिए। उसने अपने हाथों को भी चाकू से काटने और गर्दन रेतने की कोशिश की। इसके बाद वह बेहोश होकर वहीं गिर गई। 

घटना गुरुवार देर रात 11 से 11.30 बजे के बीच की है। सूचना मिलने पर पुलिस ने आरोपी सारिका (29) को गिरफ्तार कर संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने मासूम के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया है। हत्या में इस्तेमाल चाकू, पेचकस, कैंची और ईंट बरामद कर ली गई है। 

हरिशंकर ने बताया कि गुरुवार की सुबह रोजाना की तरह घर का माहौल सामान्य था। सुबह उसने पत्नी से कहा था कि वह दुकान का सामान लेने जा रहा है, इसलिए खाना बनाने के बाद कपड़े भी धो लेना। दोपहर करीब 12.30 बजे जब वह सामान लेकर घर आया तो सारिका ने आलू-टमाटर की सब्जी और रोटी बनाई थी। खाना खाकर वह कमरुद्दीन नगर में दुकान लगाने चला गया। वहां से वह देर रात करीब 1.30 बजे घर लौटा और दरवाजा खटखटाया। कई बार खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उसने लगा कि सारिका सो गई है।

काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उसने जोर से धक्का मारा, जिससे कुंडी टूट गई। इसके बाद जब वह अंदर गया तो वहां का नजारा देखकर सन्न रह गया। बेटे का सिर जमीन पर पड़ा था और धड़ बेड पर। वह तुरंत बाहर आया और जानकारी माता-पिता को दी। पुलिस को सूचना दी गई। वहीं, पड़ोसियों ने बताया कि सारिका का मुंह खून से सना हुआ था।

सारिका के दिमाग का इलाज चार साल से लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। डेढ़ महीने पहले ही सारिका को डॉक्टर से दिखाया गया था। हरिशंकर ने बताया कि सारिका कभी-कभी बड़बड़ाती रहती है और गहरी सोच में डूबी रहती है। लेकिन अक्सर वह सामान्य रहती है।

हरिशंकर ने बताया कि चार साल उन्हें बेटा पैदा हुआ था। वह जब एक महीने का था, तभी पत्नी ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। उस वक्त घर पर उनकी मां थी। शाम को वह सब्जी लेने गईं थीं, तभी सारिका ने मासूम की हत्या कर दी थी। पूरे गले पर लाल निशान थे। हरिशंकर ने बताया कि चार साल पहले पैदा हुए बेटे को उसने कभी भी अपना दूध नहीं पिलाया था। चिराग को भी वह दूध नहीं पिलाती थी।