सस्ते लोन के नाम पर ठगी, साइबर पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार

  • Post By Admin on Feb 26 2025
सस्ते लोन के नाम पर ठगी, साइबर पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार

लखीसराय : शहर में सस्ते ब्याज पर लोन दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग चार्ज के बहाने ठगी करने वाले एक साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। साइबर थाना लखीसराय ने तकनीकी जांच के आधार पर कार्यवाही करते हुए गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।  

साइबर डीएसपी सुचित्रा कुमारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि साइबर थाना को केंद्रीकृत पोर्टल एनसीआरपी और प्रतिबिंब पर एक मोबाइल नंबर के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। आरोपियों द्वारा रिलायंस फाइनेंस के नाम पर लोन दिलाने का झांसा देकर प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में पैसे ठगे जा रहे थे।तकनीकी टीम ने जब उक्त नंबर को ट्रेस किया, तो पता चला कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो शहर में ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था।  
  
तकनीकी निगरानी के आधार पर गठित एक विशेष टीम ने धर्मराय चक से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र के खलील चक निवासी गुलशन कुमार, पिता- उदय सिंह और राहुल, पिता- अरुण सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की है।  
 
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी 10 लाख रुपए से कम लोन लेने वालों से ₹2500 और अधिक लोन लेने वालों से ₹3100 बतौर प्रोसेसिंग चार्ज वसूलते थे। पुलिस ने इनके पास से करीब 200 से 300 लोगों के मोबाइल नंबर दर्ज एक रजिस्टर भी बरामद किया है। जिस मामले में इनका नंबर ट्रेस किया गया था, उसमें ठगी की राशि लगभग ₹1.25 लाख बताई जा रही है।  

गिरफ्तार आरोपियों के नेटवर्क की जांच में यह भी सामने आया कि वे शहर के कुछ सीएसपी संचालकों की मदद से ठगी की रकम मंगवा रहे थे। पुलिस इस मामले में अन्य संदिग्धों और अपराधियों की पहचान कर रही है।  

गिरफ्तारी के लिए गठित विशेष टीम में साइबर थाना अध्यक्ष सुचित्रा कुमारी, पुनि विकास कुमार सिंह, पुअनि अनु कुमारी, सअनि प्रकाश कुमार तिवारी, प्रोग्रामर रत्नेश कुमार, सिपाही गौतम कुमार और डीआईयू टीम के सदस्य शामिल थे।

पुलिस अन्य मामलों और गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी रखे हुए है। आम जनता से अपील की गई है कि लोन दिलाने के नाम पर किसी भी अनजान व्यक्ति या फर्जी कंपनी को प्रोसेसिंग चार्ज न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर थाना को दें।