दुष्कर्म और जबरन गर्भपात के आरोपों में फंसे पद्मश्री कार्तिक महाराज, नोटिस जारी

  • Post By Admin on Jul 01 2025
दुष्कर्म और जबरन गर्भपात के आरोपों में फंसे पद्मश्री कार्तिक महाराज, नोटिस जारी

मुर्शिदाबाद : पद्मश्री सम्मान प्राप्त और भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े सन्यासी स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज उर्फ कार्तिक महाराज पर दुष्कर्म और जबरन गर्भपात के संगीन आरोप लगने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मुर्शिदाबाद जिले के नवाग्राम थाने की पुलिस ने उन्हें एक जुलाई को थाने में पेश होने का नोटिस जारी किया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को बेलडांगा स्थित भारत सेवाश्रम संघ के कार्यालय पहुंची पुलिस टीम को कार्तिक महाराज वहां नहीं मिले। ऐसे में थाने के प्रभारी निरीक्षक (आईसी) ने आश्रम के प्रतिनिधि को नोटिस सौंपा।

मामले की जड़ें वर्ष 2013 से जुड़ी बताई जा रही हैं। एक महिला ने हाल ही में थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि कार्तिक महाराज ने उसे नौकरी का झांसा देकर नवाग्राम के चाणक्य इलाके में स्थित आश्रम में एक स्कूल में नियुक्त किया। शुरुआत में सब सामान्य रहा, लेकिन महिला का आरोप है कि एक रात महाराज ने उस पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला और मना करने पर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।

शिकायत के अनुसार, संबंध बनते रहे और जब महिला गर्भवती हुई तो उसे जबरन गर्भपात के लिए मजबूर किया गया। पीड़िता का कहना है कि वह लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित रही और अंततः गुरुवार की रात उसने कार्तिक महाराज के खिलाफ नवाग्राम थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

विवादों में घिरे कार्तिक महाराज ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा, “मैं एक साधु हूं। साधुओं के जीवन में ऐसी बाधाएं आती रहती हैं। यह अप्रत्याशित नहीं है।” नोटिस मिलने के बाद उन्होंने कहा कि उनके लीगल सेल इस मामले को देख रहे हैं और फिलहाल वह व्यक्तिगत तौर पर कोई बयान नहीं देंगे।

पुलिस ने साफ किया है कि कार्तिक महाराज को पूछताछ के लिए 1 जुलाई, मंगलवार को नवाग्राम थाने में हाजिर होना होगा। यदि वह अनुपस्थित रहते हैं, तो पुलिस अगली कार्रवाई की तैयारी कर सकती है।

बता दें कि कार्तिक महाराज को धार्मिक, सामाजिक और मानव सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। ऐसे में उन पर लगे ये गंभीर आरोप न केवल उनके व्यक्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं, बल्कि समाज के एक बड़े वर्ग में नाराजगी और आश्चर्य की लहर भी पैदा कर रहे हैं।

पुलिस अब पीड़िता के बयान और साक्ष्यों के आधार पर मामले की गहन जांच में जुटी है। आने वाले दिनों में यह मामला राज्य की राजनीति और धर्म-संस्था से जुड़े विमर्शों में प्रमुखता से चर्चा का विषय बन सकता है।