उद्धव ठाकरे ने सीज फायर पर उठाए सवाल, सामना में ट्रंप की भूमिका पर जताया संदेह
- Post By Admin on May 12 2025

मुंबई : शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भारत-पाक संघर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका और संघर्ष विराम की घोषणा पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में ठाकरे ने सीधे तौर पर यह सवाल किया है कि क्या इस पर कोई समझौता हुआ है और ट्रंप को यह अधिकार किसने दिया?
संपादकीय में ठाकरे ने कहा, "भारत एक संप्रभु देश है, और किसी भी बाहरी ताकत को हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। फिर भी, ट्रंप ने भारत-पाक संघर्ष में दखल दिया और युद्धविराम की घोषणा की, जिसका भारतवासियों को पहले कोई जानकारी नहीं थी।" उन्होंने यह भी कहा, "क्या ट्रंप को यह अधिकार देने वाला कोई समझौता हुआ है?"
उन्होंने 1971 के युद्ध के बाद हुए शिमला समझौते का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला समझौते का उल्लंघन किया और ट्रंप के दबाव में युद्धविराम को स्वीकार कर लिया। ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान से बदला लिया गया है, जिनका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
संपादकीय में भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा गया कि भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के द्वारा दागे गए ड्रोन और मिसाइलों का मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि, इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि पहलगाम हमले में शामिल छह आतंकवादियों का सही ठिकाना अब तक पता नहीं चल सका है।
उद्धव ठाकरे ने सीज फायर की घोषणा को लेकर भी सवाल उठाए, कहा कि जब पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र में हमले किए, जिससे 12 नागरिकों की मौत हुई, तब प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध विराम की दिशा में कदम बढ़ाया। संपादकीय में यह भी बताया गया कि युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों की वीरता का सम्मान किया गया, जिनमें मुंबई के मुरली नायक और उरी सेक्टर में शहीद हुए दिनेश शर्मा शामिल थे।
संपादकीय के अंत में, ठाकरे ने राष्ट्रपति ट्रंप की नीयत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "ट्रंप महात्मा गांधी या नेल्सन मंडेला नहीं हैं, वे एक व्यापारी हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच शांति की बात करने वाले ट्रंप ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में इजरायल का समर्थन किया है। क्या ट्रंप ने भारत की संप्रभुता बेच दी है? इस सौदे का सच क्या है, देश को जानने का अधिकार है।"