कुंभ की वायरल साध्वी की पूरी कहानी आई सामने, जानिए क्यों चुना ये रास्ता

  • Post By Admin on Jan 15 2025
कुंभ की वायरल साध्वी की पूरी कहानी आई सामने, जानिए क्यों चुना ये रास्ता

प्रयागराज : उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का शुभारंभ हुआ और इस महाकुंभ के पहले दिन से ही सोशल मीडिया पर एक युवती का वीडियो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला पहने, ललाट पर तिलक लगाए एक युवती साध्वी के रूप में नजर आ रही हैं। उनका ये वीडियो महाकुंभ में साधु-संतों की भीड़ में भी छा गया और उनकी लोकप्रियता इन बाबाओं और संतों से भी कहीं ज्यादा बढ़ गई। यह युवती कोई और नहीं, बल्कि हर्षा रिछारिया हैं। जिनका साध्वी रूप और सोशल मीडिया पर मौजूदगी सबकी चर्चा का केंद्र बन गई है।

महाकुंभ के पहले दिन, 13 जनवरी को निरंजनी अखाड़ा की शोभा यात्रा के दौरान एक साध्वी का वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में पत्रकार ने साध्वी से सवाल किया कि वे कहां से आई हैं तो साध्वी ने उत्तराखंड का नाम लिया और बताया कि वे आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं। जब पत्रकार ने उनसे पूछा कि इतनी खूबसूरत होने के बावजूद आपने संन्यास का मार्ग क्यों चुना तो हर्षा ने कहा कि मैंने जो करना था, वह कर चुकी हूं। मैंने सब कुछ छोड़कर यहां आकर साध्वी जीवन अपनाया है। इसके बाद, जब पत्रकार ने उनकी उम्र और साध्वी जीवन के बारे में पूछा तो हर्षा ने खुद को 30 साल की बताते हुए कहा कि वे पिछले दो साल से संन्यास जीवन का पालन कर रही हैं।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद, हर्षा रिछारिया को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे और अफवाहें फैलने लगीं। जहां एक ओर कुछ लोग उन्हें एक साध्वी मान रहे थे। वहीं, कई यूज़र्स ने यह दावा किया कि हर्षा पहले एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रही हैं और हाल ही में बैंकॉक में शो होस्ट करने की खबर भी वायरल हो गई। ऐसे में हर्षा के साध्वी जीवन को लेकर सवाल उठने लगे। उनका यह दावा कि वे दो साल से साध्वी जीवन अपना रही हैं।

हर्षा रिछारिया ने इस पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि वे पिछले दो साल से साध्वी जीवन जी रही हैं और यह निर्णय उन्होंने अपनी आत्मा की शांति के लिए लिया। हर्षा का कहना है कि वे पहले एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर थीं, लेकिन जीवन में एक मोड़ आने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। हर्षा ने यह भी बताया कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और आत्मज्ञान की दिशा में काम करना चाहती हैं और इसके लिए उन्होंने साध्वी जीवन को अपनाया।