डॉ. कुमारी अनु की आलोचनात्मक कृति शिवानी का कथेतर गद्य का हुआ लोकार्पण

  • Post By Admin on Jun 30 2023
डॉ. कुमारी अनु की आलोचनात्मक कृति शिवानी का कथेतर गद्य का हुआ लोकार्पण

मुजफ्फरपुर : शुक्रवार दिनांक 30 जून, 2023 को हिंदी की कवयित्री और प्राध्यापिका डॉ. कुमारी अनु की आलोचनात्मक कृति 'शिवानी का कथेतर गद्य' का लोकार्पण किया गया। मंचासीन विद्वत जनों के साथ-साथ भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने संयुक्त रूप से पुस्तक का लोकार्पण किया।

अपने स्वागत संबोधन में प्रतिभा प्रकाशन मुजफ्फरपुर के निदेशक अमित कुमार कर्ण ने कहा कि अनेक पुस्तकों के बीच इस पुस्तक को प्रकाशित करके मुझे बड़ा ही हर्ष हुआ और आज इसका लोकार्पण मेरे प्रकाशन के लिए गौरव की बात है। मुख्य अतिथि और लोकार्पणकर्ता बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मानविकी संकाय के डीन, कवि आलोचक डॉ. सतीश राय ने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक में डॉ. कुमारी अनु ने अत्यंत गंभीरता से शिवानी के कथेतर गद्य की शक्ति और विशेषताओं को रेखांकित किया है। शिवानी का गद्य लालित्य पूर्ण है और उसमें कविता की-सी लय मिलती है। डॉ. अनु स्वयं कवयित्री है। उन्होंने पूरी सहृदयता से शिवानी के कथेतर गद्य का अनुशीलन किया है‌। निसंदेह इनका यह कार्य ज्ञान के क्षेत्र को विस्तृत करेगा और उन्हें यशस्विनी भी।

विशिष्ट अतिथि चर्चित साहित्यकार डॉ. संजय पंकज ने कहा कि शिवानी के कथेतर गद्य पर डॉ. कुमारी अनु ने काफी श्रमसाध्य कार्य किया है। शिवानी के गद्य साहित्य पर इस तरह से काम होना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण उपलब्धि है। शिवानी स्तरीय और लोकप्रिय लेखिका के रूप में भारतीय मध्यम वर्गीय समाज में प्रतिष्ठित रहीं। मुख्य वक्ता डॉ. त्रिविक्रम नारायण सिंह ने कहा कि शिवानी जैसी लेखिका पर डॉ. कुमारी अनु ने जो कार्य किया है यह आने वाली साहित्यकार पीढ़ी के लिए बहुत प्रेरक है। डॉ. विजय शंकर मिश्र ने अपने बीज वक्तव्य और संचालन के क्रम में कहा कि भारतीय स्त्री अस्मिता की एक महत्वपूर्ण लेखिका शिवानी पर पूरी भारतीय दृष्टि के साथ डॉ. कुमारी अनु ने जो कार्य किया है इससे पारिवारिकता और सामाजिकता को बल मिलता है। डॉ. वंदना विजयलक्ष्मी ने स्त्री संघर्ष और स्त्री विमर्श की बात की तो डॉ. पुष्पा प्रसाद ने स्त्रियों के हर क्षेत्र में प्रभावी भूमिका का उल्लेख किया। पुस्तक की लेखिका डॉ. कुमारी अनु ने अपने भावपूर्ण उद्गार में कहा कि हमारे अध्ययन से ज्यादा गुरु और शुभचिंतकों का मार्गदर्शन इस कार्य को संपूर्णता तक पहुंचाने में प्रेरित किया है।

लोकार्पण उत्सव में उपस्थित होने वालों में डॉ. हरि किशोर प्रसाद सिंह, डॉ. केशव किशोर कनक, डॉ. कुमार विरल, विभूति कुमार, अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा, अंजनी कुमार पाठक, उमेश राज, सविता राज, डॉ. माया शंकर, राजीव रंजन, श्यामल श्रीवास्तव, प्रमोद आजाद, सुनील गुप्ता, प्रेम भूषण, कुमार कृशानु, डॉ. गीतांजलि द्विवेदी, डॉ. प्रियंका कुमारी, टीनू झा, सुबोध कुमार सिंह, डॉ. जितेंद्र कुमार, संजय कुमार मयंक, अविनाश कुमार चौधरी, आनंद रंजन, प्रभात रंजन जैसे शताधिक महत्वपूर्ण लोग रहे। लोकार्पण समारोह में अतिथियों का सम्मान पुष्पमाला और चादर से किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. रश्मि झा ने कहा कि मुजफ्फरपुर की साहित्यिक गतिविधि में आज का आयोजन आकर्षक और ऐतिहासिक रहा।