राज्यव्यापी रोषपूर्ण प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने रखी मांग

  • Post By Admin on Dec 27 2024
राज्यव्यापी रोषपूर्ण प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने रखी मांग

समस्तीपुर : अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा के संयुक्त तत्वावधान में एक विशाल आंदोलन चल रहा है। बीते 23 दिसंबर से जिले के जितवारपुर प्रखंड मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया गया है जो चार दिनों से जारी है। इस आंदोलन में प्रखंड के विभिन्न गांवों के मजदूरों और ग्रामीणों ने भाग लिया और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गगनभेदी नारों के साथ प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने अंचल प्रखंड मनरेगा कार्यालय का घेराव भी किया।

मुख्य मुद्दे और प्रदर्शन की मांगे

खेग्रामस के जिला अध्यक्ष उपेन्द्र राय, नथुनी सदा, मुंनी देवी सहित अन्य नेताओं ने इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। इस दौरान एक सभा भी आयोजित की गई। जिसमें खेग्रामस जिला सचिव जीवछ पासवान, भाकपा माले की जिला कमिटी सदस्या प्रमिला राय, साधु शरण साह, खेग्रामस नेता उमेश कुमार महतो और शोभा देवी ने अपनी बात रखी।

मुख्य रूप से उनकी मांगें हैं :

1.    मजदूरी का भुगतान और बकाया राशि का निपटारा : मनरेगा मजदूरों का बकाया मजदूरी का भुगतान किया जाए।

2.    वृक्षारोपण और अन्य योजनाओं में घोटाले की जांच : मनरेगा योजनाओं में सरकारी राशि के घोटाले और फर्जी मजदूरों के नाम पर मजदूरी की राशि की जांच कराई जाए।

3.    आय प्रमाण पत्र और जमीन का वितरण : महागरीबों को 72 हजार रुपये से कम आय का प्रमाण पत्र जारी किया जाए और भूमिहीनों को 5 डिसमील जमीन दी जाए।

4.    वृद्ध मजदूरी और काम का अवसर : मजदूरों को 200 दिन काम देने और 600 रुपये दैनिक मजदूरी की व्यवस्था की जाए।

5.    पक्के मकान और शौचालय निर्माण : सभी गरीबों को पक्का मकान दिया जाए। साथ ही दलित-महादलित बस्तियों में शौचालय का निर्माण कराया जाए।

6.    बिजली और पानी की सुविधाएं : गरीबों के बकाया बिजली बिल माफ किए जाएं, 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए और नल जल योजना के तहत बकाया मानदेय का भुगतान किया जाए।

7.    विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार की जांच : मनरेगा योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

सरकारी अधिकारी से वार्ता

देर शाम जब आंदोलन अपने चरम पर पहुंचा तो सदर अनुमंडलाधिकारी ने स्वयं आंदोलन स्थल पर आकर अनशनकारियों से संवाद किया। उन्होंने महागरीबों को 72 हजार रुपये से कम आय का प्रमाण पत्र जारी करने और भूमिहीनों को 5 डिसमील जमीन चिन्हित करने की बात कही। साथ ही, उन्होंने अन्य मांगों को उच्च स्तर के अधिकारियों से लिखित रूप में प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया और जांच कराने की प्रक्रिया की बात भी कही। हालांकि, आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगों का समाधान नहीं हो जाता तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।