नीम के पत्ते व अरंडी के तेल से दूर हो जाएंगे दीमक

  • Post By Admin on Dec 29 2022
नीम के पत्ते व अरंडी के तेल से दूर हो जाएंगे दीमक

उद्यान निदेशक ने दिया सुझाव, कीटनाशक के प्रयाेग से बचें किसान

प्राकृतिक खेती से लागत कम के साथ ही मिलते हैं पौष्टिक आहार

लखनऊ: प्राकृतिक खेती का अर्थ है, जो प्रकृति ने दिया है, उसी को खाद और कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाना। बाहर से कुछ भी प्रयोग इसमें वर्जित है। इस कारण इसमें पौष्टिकता, पर्यावरण संतुलन ठीक रहने के साथ ही कम लागत आती है। यह बातें उद्यान निदेशक डा. आरके तोमर ने कही।

उद्यान निदेशक ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि जो किसान रासायनिक खादों का प्रयोग करते हैं। वे भी कीटनाशक आदि के लिए यदि प्राकृतिक विधि का प्रयोग करें तो लागत कम होने के साथ फलों में नुकसानदायक तत्व की अपेक्षा पौष्टिकता ज्यादा बढ़ जाएगी। जैसे दीमक नियंत्रण के लिए रासायनिक दवा के प्रयोग से एक एकड़ में हजारों रूपये खर्च कर देते हैं। फिर भी परेशानी जल्द दूर नहीं होती। उन्होंने बताया कि इसके लिए साढ़े तीन किग्रा करंज का पत्ता लें। उसमें तीन किग्रा नीम का पत्ता डाल दें। इन दोनों को 10 लीटर पानी में डालकर उबाल लें और आधा पानी हो जाने के बाद इसे उतार लें। इसे छानकर डब्बा में भरने के बाद एक लीटर अरंडी का तेल और 10 ग्राम डिटर्जेंट पाउडर ठीक से मिला लें। यह दवा छह माह तक उपयोग कर सकते हैं। इससे दीमक की समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ शासन स्तर से मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके फायदे बताए जा रहे हैं। हकीकत में प्राकृतिक खेती से किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी। इसके लिए किसानों को आगे बढ़कर इसकी विधि को समझना चाहिए।