डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जन्मदिन पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित

  • Post By Admin on Apr 09 2024
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जन्मदिन पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित

पटना : डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी के जन्म दिन पर पर्यावरण भारती द्वारा वृक्षारोपण हुआ। पर्यावरण भारती समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से ही  2008 से ही वृक्षारोपण अभियान लगातार चला रहा है। अभी तक 1,15,593 (एक लाख पंद्रह हजार पाँच सौ तेरानवे) लगाए गए हैं। भविष्य में पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण अभियान चलता रहेगा। ग्लोबल वार्मिंग से बचाव हेतु बिहार राज्य के पटना महानगर अन्तर्गत राजेन्द्र नगर में देव वृक्ष बरगद, गूलर, फलदार वृक्ष जामून, आम, अमरूद, पपीता, औषधीय वृक्ष सहजन के 23 पेड़ लगाये गए। वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ सह प्रांत संघचालक डॉक्टर गजेंद्र देव शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय नव बर्ष है। प्रकृति भी नव वर्ष मनाती है। वृक्षों में नये पत्ते आ जाते हैं। ऐसे मौके पर वृक्षारोपण महत्वपूर्ण कार्य है।

पर्यावरण भारती के संस्थापक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक एवं अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली सदस्य राम बिलास शान्डिल्य ने बताया कि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (1) के दिन 1889 में महाराष्ट्र के नागपुर शहर के महाल में परम पूज्य डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी का ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ था। उनके पिता जी बलिराम पंत हेडगेवार तथा माताजी रेवती बाई थीं। वे जन्मजात देशभक्त थे। विदेशी रानी विक्टोरिया के जन्म दिन पर स्कूल में मिठाई बंट रहा था। गुलामी की मिठाई मानकर उन्होंने मिठाई कचड़े के डब्बे में फेंक दिया। अंग्रेज निरीक्षक के विद्यालय आने पर वन्दे मातरम नारों से उसका स्वागत किया। अतः विद्यालय से निकाले गए। बंगाल क्रांतिकारियों का केन्द्र बन गया था। अतः डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी योजनाबद्ध 1910 में मेडिकल की पढ़ाई हेतु कोलकाता गए। वहाँ  क्रांतिकारी संस्था अनुशीलन समिति से जुड़ गए। 1915 में वे नागपुर वापस लौट आए और सामाजिक कार्य में जुट गए।  1921 के असहयोग आंदोलन में वे गिरफ्तार हुए और जेल भेज गये। परम पूज्य डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने काफी चिन्तन एवं मंथन किया कि "भारत बार-बार पराधीन क्यों होता है।" अतः 1925 के विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। व्यक्ति निर्माण तथा संस्कार हेतु उन्होंने "शाखा पद्धति" विकसित किया। वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (R.S.S.) विश्व की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संगठन है। 1930 में महात्मा गाँधी जी के नमक कानून विरोधी आंदोलन में भाग लेने हेतु सरसंघचालक का दायित्व डॉक्टर परांजे को सौंप कर 9 माह जेल में रहे। उनका देहावसान 21 जून 1940 को 51 वर्ष की उम्र में नागपुर में हुआ।

पर्यावरण भारती के वृक्षारोपण कार्यक्रम में गजेंद्र देव शर्मा, राम बिलास शान्डिल्य, कन्हैया कुमार, आदर्श भारत, सोनी कुमारी, सौरभ कुमार, अभिनव प्रकाश, वृज नंदन पासवान, कृष्ण बल्लभ प्रसाद, योगेश कुमार, इन्द्रजीत, आदित्य इत्यादि ने भाग लिए।