पर्यावरण भारती द्वारा वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस पर वृक्षारोपण

  • Post By Admin on Jul 10 2024
पर्यावरण भारती द्वारा वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस पर वृक्षारोपण

लखीसराय : बुधवार को वृक्षारोपण के उपरान्त पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि पर्यावरण संकट संपूर्ण संसार की समस्या है। इसके लिए विकसित देश अमेरिका, चीन, रूस इंग्लैंड आदि अधिक दोषी है। परन्तु वे अपने दोष छिपाने हेतु भारत जैसे विकासशील देश को दोषी ठहराते हैं। भारत में आधुनिक विज्ञान का सम्मान है, परन्तु भारतीय चिन्तन पर भी विचार होता है। भारत प्राचीन काल से ही पर्यावरण की सुरक्षा हेतु सतत प्रयासरत है।

संसार के चकाचौंध का असर अब धीरे-धीरे भारत में भी दिखने लगा है। प्राचीन काल में सूखे पेड़ काट कर ही उपयोग में लाते थे। परन्तु आधुनिक विज्ञान के प्रभाव के कारण धड़ल्ले से हरे-भरे वृक्ष भी काट डालते हैं। परिणाम स्वरूप प्राकृतिक आपदाएं मानव को भयभीत कर चेतावनी दे रहे हैं। पुनः प्रकृति की ओर हम सबों को लौटना होगा। विश्व की सभ्यताएं नदियों के किनारे विकसित हुईं हैं। भारत की सभ्यता एवं संस्कृति सिन्धु नदी के किनारे विकसित हुई है। स्वार्थी मानव नदियों को ही सुखाकर समाप्त करने के लिए तैयार है। अतः भविष्य में मानव को पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा। प्यासी मछली की तरह तड़प-तड़प कर संसार के मानव को भी मरना होगा। अपने बच्चों के भविष्य हेतु वृक्षारोपण अभियान चलाएं। इससे पर्यावरण की सुरक्षा होगी।

शाण्डिल्य ने बताया कि 2012 के 10 जुलाई को संसार में पहली बार वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इसका उद्देश्य है- वैकल्पिक ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना। वर्तमान समय में तेल, कोयला, गैस से अधिकांश ऊर्जा तैयार होता है। लेकिन कुछ वर्षों में जीवाश्म ईंधन का श्रोत ही समाप्त हो जाएगा। अतः नए खोज-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं जल विद्युत को संसार में बढ़ावा देना होगा।                 

पर्यावरण संरक्षण हेतु पुरानी बाजार के पर्यावरण प्रहरी देव कुमार चंचल (बबलू) ने गोशाला के निकट अपने जमीन पर 253 पेड़ लगाए हैं। ऐसे महानुभाव से हम सबों को प्रेरणा लेना होगा।