अध्यापन सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है : डा. सुधांशु कुमार
- Post By Admin on Nov 18 2024

पटना : अध्यापन सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है। यह महज पेशा नहीं है। जिस देश के जैसे अध्यापक, वैसी शिक्षा और जैसी शिक्षा वैसा देश होता है। जापान, फ्रांस, इंग्लैंड जैसे छोटे-छोटे देश समृद्धि के शिखर पर आरूढ़ इसलिए हो पाए क्योंकि उन्होंने अपनी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का कार्य सर्वप्रथम किया। आज हमारे बिहार की शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने का कार्य शिक्षा विभाग के निर्देशन में एससीईआरटी द्वारा किया जा रहा है, जो शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उक्त बातें प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय मसौढ़ी में पटना के विभिन्न प्रखंडों के नौवीं-दसवीं के शिक्षकों की छ: दिवसीय प्रशिक्षण चर्चा में उन्हें संबोधित करते हुए महाविद्यालय के अकादमिक प्रभारी डॉ. सुधांशु कुमार ने कही।
आगे उन्होंने कहा कि जिस बिहार ने कभी भारत वर्ष को विश्वगुरु के पद पर आसीन किया, वह आज शिक्षा के सबसे निचले पायदान पर है, जो चिंतनीय है और इसे तभी सुधारा जा सकता है, जब यहां के शिक्षक संपूर्ण तन्मयता व समर्पण के साथ अपने दायित्वों को पूरा करने का संकल्प लें। इसी चरमरायी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का महत्वपूर्ण कार्य शिक्षा विभाग द्वारा एससीईआरटी के तत्वावधान में किया जा रहा है। यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है।
उन्होंने यह भी बताया कि एक शिक्षक को हमेशा विचारशील, नवाचारी और सृजनशील होना चाहिए ताकि शिक्षकों का यह ज्ञान बच्चों में जा सके। इससे शिक्षकों के माध्यम से देश के लिए बेहतर नागरिक बनाने में न केवल मदद मिलेगी बल्कि बेहतर समाज का निर्माण भी होगा और अंततः एक श्रेष्ठ राष्ट्र की संकल्पना हम पूरा कर सकेगें। वर्तमान समय में शिक्षकों की भूमिका बढ़ गई है और शिक्षकों पर बेहतर समाज के लिए बेहतर नागरिक तैयार करने की जिम्मेवारी है । अतः सभी शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में बच्चों के साथ यथासंभव बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करें ताकि बच्चें देश के लिए सक्षम और योग्य नागरिक बन सके।
इस अवसर पर संजय कुमार, मिथिलेश कुमार, विकास कुमार, निप्पू कुमार, संटु कुमार, वृंद कुमार, लाल किशोर प्रसाद, राजेश कुमार सहित अन्य कर्मी भी मौजूद रहे।