दो दशकों में बदली बिहार की तस्वीर, 2030 तक 1 करोड़ युवाओं को मिलेगा रोजगार : नीतीश कुमार
- Post By Admin on Aug 22 2025

गयाजी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान गयाजी में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि बीते दो दशकों में बिहार की सूरत पूरी तरह बदल चुकी है और अब राज्य विकास की तेज राह पर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति दयनीय थी। “उस समय लोग रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। यहां तक कि गरीबों को दो वक्त की रोटी और पहनने के लिए ढंग के कपड़े तक नहीं मिल पाते थे। लेकिन 24 नवंबर 2005 को जब हमारी सरकार बनी और एनडीए की साझेदारी से हमने काम संभाला, तब से बिहार में विकास का नया अध्याय शुरू हुआ,” नीतीश ने कहा।
उन्होंने बताया कि सत्ता संभालने के तुरंत बाद उनकी सरकार ने योजनाओं को धरातल पर उतारना शुरू किया। हर गांव तक बिजली पहुंचाने का काम 2011 में पूरा किया गया और आज स्थिति यह है कि राज्य में हर घर में रोशनी है। उन्होंने कहा कि इस साल से गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की योजना शुरू की गई है।
महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने समाज में समानता लाने और लोगों की स्थिति मजबूत करने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। विधवा पेंशन को 400 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपए किया गया है। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘साइकिल योजना’, पोशाक योजना और छात्रवृत्ति जैसी कई योजनाएं लागू की गईं, जिनसे लाखों परिवारों को सीधा लाभ मिला।
रोजगार और नौकरी के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार ने वादा किया था कि 10 लाख सरकारी नौकरियां और 10 लाख अन्य रोजगार उपलब्ध कराएंगे। “आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने सरकारी नौकरी दी और 39 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए। अब हमारा लक्ष्य और बड़ा है। 2025 से 2030 तक 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराएंगे। यह हमारा वचन है, जिसे हम हर हाल में पूरा करेंगे,” मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा।
उन्होंने कहा कि बिहार की प्रगति अब चारों ओर दिखाई दे रही है। शिक्षा व्यवस्था में नए स्कूल और कॉलेज खोले गए, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया, सड़कों का जाल बिछाया गया और गांव-गांव तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई गईं। “पहले बिहार पिछड़ेपन का पर्याय था, लेकिन आज यह बदलते बिहार की पहचान बन चुका है। हम सबको मिलकर इस गति को और आगे बढ़ाना है,” उन्होंने कहा।
जनसभा में मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि बिहार का विकास केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें जनता की सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधारों में सरकार का साथ दें ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और आत्मनिर्भर बिहार का निर्माण हो सके।