ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए गर्भवती महिलाएं करें सुंदरकांड का पाठ : तमिलिसाई सौंदरराजन

  • Post By Admin on Jun 12 2023
ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए गर्भवती महिलाएं करें सुंदरकांड का पाठ : तमिलिसाई सौंदरराजन

तेलंगाना : बीते रविवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक संगठन के 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने गर्भवती महिलाओं को 'सुंदरकांड' का पाठ करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए 'सुंदरकांड' का पाठ करें और उन्हें रामायण जैसे महाकाव्यों को भी पढ़ना चाहिए. 

'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम संवर्धिनी न्यास द्वारा आयोजित की जा रही है. संवर्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका समिति की एक इकाई है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समानांतर संगठन है. इस कार्यक्रम के तहत, संगठन से संबद्ध चिकित्सक गर्भवती माताओं को वैज्ञानिक और पारंपरिक उपायों के बारे में बताएंगे, ताकि वे संस्कारी और देशभक्त बच्चों को जन्म दे सकें. ऑनलाइन माध्यम से जारी किए गर्भ संस्कार मॉड्यूल के अनुसार, इन उपायों में भगवद् गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, संस्कृत मंत्रों का जाप करना और योगाभ्यास शामिल होंगे. यह प्रक्रिया गर्भाधान के पहले से लेकर प्रसव के चरण तक शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी, जब तक कि बच्चा दो साल का नहीं हो जाता. गर्भ संस्कार कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं के साथ उनके परिवार के सदस्यों का भी मार्गदर्शन किया जाएगा. 

कार्यक्रम के दौरान राजयपाल ने कहा कि हमने गांवों में गर्भवती महिलाओं को रामायण, महाभारत और अन्य महाकाव्यों के साथ-साथ अच्छी कहानियां पढ़ते देखा है। खासकर तमिलनाडु में ऐसी मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं को कम्ब रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान सुंदरकांड का पाठ करना जन्म लेने वाले बच्चों के लिए बहुत अच्छा रहेगा. राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण संबंधी चिकित्सक भी हैं. उन्होंने मातृत्व और गर्भ संस्कार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गर्भावस्था के दौरान योगाभ्यास से गर्भवती मां और गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और अंततः सामान्य तरीके से प्रसव होने में मदद मिलेगी.

संवर्धिनी न्यास द्वारा आयोजित गर्भ संस्कार कार्यक्रम को पूरे देश में न्यास से जुड़े चिकित्सकों द्वारा लागू किया जाएगा. इस उद्देश्य के लिए देश को पांच क्षेत्रों में बांटा गया है और हर क्षेत्र में 10 चिकित्सकों का दल होगा, जो इस कार्यक्रम को लागू करेगा.