बदलो बिहार महाजुटान को सफल बनाने हेतु आयोजित छात्र युवा संवाद
- Post By Admin on Jan 24 2025

समस्तीपुर : इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) और आइसा के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 9 मार्च को होने वाले ‘बदलो बिहार महाजुटान’ को सफल बनाने के उद्देश्य से छात्र-युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह संवाद कार्यक्रम पूसा प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय के सेमिनार हॉल में आरवाईए जिला सचिव सचिन रौशन कुमार के नेतृत्व में हुआ।
जिसमें छात्र-युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त शिक्षा प्रणाली के लिए संघर्ष करने, पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाने और प्रदर्शनकारी छात्रों पर से फर्जी मुकदमे वापस लेने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया।
मुख्य वक्ता के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए आइसा के केंद्रीय महासचिव प्रसनजीत कुमार ने अपने संबोधन में केंद्र और राज्य सरकार के शिक्षा नीति पर तीखा हमला करते हुए कहा, “मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति गरीब और दलित छात्रों को कॉलेज कैंपस से बाहर करने का काम कर रही है। बिहार के छात्र आज पेपर लीक और भ्रष्टाचार के कारण अपना भविष्य अंधकार में देख रहे हैं, जिसे बदलने की जरूरत है।”
उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में भ्रष्टाचार के प्रमाणों को सार्वजनिक करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा माफियाओं का संरक्षण करने वाली सरकार छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन से हमला कर रही है, जो कि लोकतंत्र के लिए एक काला धब्बा है। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएससी और अन्य प्रमुख परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो कि राज्य के शिक्षा तंत्र पर सवाल उठाती हैं।
आरवाईए के राज्य उपाध्यक्ष रंजीत राम ने मोदी-नीतीश सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार बिहार के छात्र-युवाओं के भविष्य से खेल रही है। उन्होंने कल, 25 जनवरी को दरभंगा में और आगामी 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले ‘बदलो बिहार महाजुटान’ में छात्र-युवाओं से बड़ी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया।
संचालन करते हुए आरवाईए जिला सचिव सचिन रौशन कुमार यादव ने इस मौके पर बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द कर पुनः परीक्षा कराने, मृतक सोनू के परिजनों को 5 करोड़ का मुआवजा देने और प्रदर्शनकारी छात्रों पर से फर्जी प्राथमिकी वापस लेने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल एक परीक्षा या एक मुद्दे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार के शिक्षा और रोजगार प्रणाली में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।