पदमश्री स्वर्गीय मृदुला सिन्हा की प्रतिमा का अनावरण, मुजफ्फरपुर में उनकी यादों को श्रद्धांजलि
- Post By Admin on Nov 19 2024

मुज़फ्फरपुर : गोवा की पहली महिला राज्यपाल, पदमश्री स्वर्गीय मृदुला सिन्हा की प्रतिमा का अनावरण सोमवार को जिले के लंगट सिंह महाविद्यालय के चिल्ड्रेन्स पार्क में किया गया। यह गरिमामयी कार्यक्रम बिहार के माननीय राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।
स्वर्गीय मृदुला सिन्हा का जन्म 27 नवंबर 1942 को मुजफ्फरपुर जिले के छपरा गांव में हुआ था और उनकी पुण्यतिथि 18 नवंबर 2020 को थी। उनके योगदान को याद करते हुए इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए और उनके व्यक्तित्व, संघर्षों और उपलब्धियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सामाजिक योगदान और साहित्यिक धरोहर:
मृदुला सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी अपनी कार्यक्षमता का लोहा मनवाया। इसके साथ ही वह 2014 से अक्टूबर 2019 तक गोवा की पहली महिला राज्यपाल रहीं। उनकी नेतृत्व क्षमता और समाजसेवा के कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा।
स्वर्गीय मृदुला जी की साहित्यिक यात्रा भी अत्यधिक प्रेरणादायक रही। उन्होंने 46 से अधिक पुस्तकें लिखी। जिनमें उनकी प्रसिद्ध कृति “एक थी रानी ऐसी भी” पर फिल्म भी बनी थी। उनके अन्य उपन्यास जैसे “ज्यों मेहदी का रंग,” “नई देवयानी,” “घरवास,” “सीता पुनि बोली,” और “सावित्री” भी अत्यधिक प्रसिद्ध हुए। बच्चों के लिए भी उन्होंने कई प्रेरक किताबें लिखीं।
महिलाओं के उत्थान पर ध्यान:
मृदुला सिन्हा जी की सोच महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें समाज में उच्च स्थान दिलाने की थी। वह हमेशा कहती थीं कि महिलाओं को मिलने वाला “खोईक्षा”—धान, दूब, हल्दी और आजमाइन जैसे प्रतीकों से तुलना करते हुए उनकी ताकत और आत्मविश्वास को उजागर करता है। उनका मानना था कि जैसे धान और दूब अनुकूल वातावरण में फिर से हरा-भरा हो जाते हैं, ठीक वैसे ही महिलाएं भी मुश्किलों के बाद पुनः अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं।
स्वर्गीय मृदुला सिन्हा की प्रेरणा:
आज उनकी चौथी पुण्यतिथि पर मुजफ्फरपुर में उनकी मूर्ति स्थापित की गई है। जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी। यह मूर्ति मुजफ्फरपुर की बेटियों के लिए एक मिशाल के रूप में कार्य करेगी।
महासचिव सुनील कुमार ने भी इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि स्वर्गीय मृदुला जी का योगदान मुजफ्फरपुर और भारत के लिए अभूतपूर्व था। उनका जीवन एक प्रेरणा था और उनकी आत्मा अब मुजफ्फरपुर में मूर्ति के रूप में अमर हो गई है। “सभी बेटियां उनके मार्ग पर चलकर दुनिया जीत सकती हैं,” यह संदेश स्वर्गीय मृदुला सिन्हा जी ने हमेशा दिया था और अब उनकी प्रतिमा यह प्रेरणा देती रहेगी।