सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन 

  • Post By Admin on Dec 23 2024
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन 

मुजफ्फरपुर : जिले के पंकज मार्केट स्थित महिला सत्संग भवन में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर बीते रविवार को आचार्य राजेश शर्मा ने अंतिम दिन व्यास पीठ से भक्तों को श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन करते हुए अध्यात्मिक संदेश दिया। कथा के दौरान आचार्य ने भगवान श्री कृष्ण के सुदामा चरित्र और मित्रता के अद्भुत उदाहरण पर प्रकाश डाला।

आचार्य राजेश शर्मा ने कहा, “भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी की मित्रता एक आदर्श है। जब सुदामा जी अपने मित्र श्री कृष्ण से मिलने द्वारका पहुंचे तो द्वारपालों ने उन्हें भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक लिया। लेकिन जैसे ही द्वारपाल ने कृष्ण से सुदामा का नाम लिया, भगवान कृष्ण दौड़ते हुए उनके पास पहुंचे और उन्हें गले से लगा लिया। यह दिखाता है कि सच्चे मित्र कभी भी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते और कृष्ण ने अपनी मित्रता को अनमोल साबित किया।”

उन्होंने आगे बताया कि सुदामा जी ने भगवान से कोई ऐश्वर्य की नहीं बल्कि मित्रता की प्राप्ति की कामना की थी। कृष्ण ने उन्हें अपने सिंहासन पर बैठाया और उन्हें सभी ऐश्वर्य से संपन्न कर दिया। आचार्य ने इस प्रसंग के माध्यम से भक्तों को यह संदेश दिया कि जब भक्त सच्चे दिल से भगवान से कुछ मांगते हैं तो भगवान न केवल उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं बल्कि उन्हें दीन-हीन स्थिति से ऊंचाई तक पहुंचा देते हैं। कथा के समापन अवसर पर गीता परिवार के सदस्यों ने शांतिपूर्ण माहौल में हवन कर कथा का समापन किया। इस अवसर पर मुख्य जजमान रोहित भरतीया, अरुणा मोटानी और पार्वती संथालिया ने सपरिवार व्यास पीठ की पूजा अर्चना की।

महा प्रसाद का आयोजन दोपहर 2 बजे किया गया। जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। कथा के दौरान उमेश चेतन, रानी चेतन, शांति बाई, शकुंतला बजाज, पद्मा जलान, बिना गोयनका, सुनीता सिवानीवाला जैसे कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। आचार्य राजेश शर्मा ने कथा के अंत में कहा, “जो भी श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है और वह भगवान के दिव्य प्रेम से सराबोर हो जाता है।”