नीतीश्वर महाविद्यालय में संगोष्ठी : हमारी एकता की पहचान है हिंदी – प्रो. डॉ. सुधा कुमारी
- Post By Admin on Sep 16 2025

मुजफ्फरपुर : भारतीय भाषा मंच और हिंदी विभाग, नीतीश्वर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘हिंदी भाषा और साझी संस्कृति’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुधा कुमारी और विशिष्ट वक्ता के रूप में भारतीय भाषा मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजेश्वर कुमार उपस्थित थे।
संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। प्राचार्य ने अतिथियों का स्वागत शाल और पौधे भेंटकर किया। अपने संबोधन में प्रो. सुधा कुमारी ने कहा कि “हिंदी हमारी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है और वैश्विक स्तर पर हमारी पहचान है। हिंदी में नए शब्दों का बढ़ता चलन यह दर्शाता है कि यह भाषा निरंतर विकासशील और प्रवाहमान है।” उन्होंने हिंदी को सांस्कृतिक एकता और वैश्विक मंच पर भारतीय पहचान का आधार बताया। डॉ. राजेश्वर कुमार ने भाषागत राजनीति पर चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी की सबसे बड़ी ताकत इसका समावेशी स्वरूप है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधता हिंदी परंपरा की विशेषता है, जो इसे अन्य भाषाओं से अलग बनाती है।
डॉ. रविरंजन ने हिंदी को जनभाषा बताते हुए कहा कि यही वह भाषा है जिसमें आम जनजीवन सोचता और विचारता है। वहीं, प्राचार्य ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदी ही ऐसी भाषा है जिसमें भाषाई और जीवन शैली की विविधताओं का संगम देखने को मिलता है। कार्यक्रम में विषय प्रवेश डॉ. बेबी कुमारी ने कराया और मंच संचालन शशि कुमार पासवान ने किया।
इस अवसर पर विभिन्न संकायों के प्राध्यापक डॉ. नीतू सिंह, डॉ. इन्द्राणी रॉय, डॉ. अमरजीत, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. रीना झा, डॉ. हुसैन, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. रामप्रवेश कुमार, डॉ. किसलय किशोर, डॉ. सावित्री कुमारी, डॉ. दिव्या अंशु, डॉ. नूतन, डॉ. जयश्री सिंह, डॉ. किरण ठाकुर, डॉ. सारिका कुमारी समेत कई अन्य प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।