सरला श्रीवास के पुण्यतिथि पर कठपुतली संवाद संस्थान ने किया कार्यक्रम आयोजित
- Post By Admin on Mar 21 2025

मुजफ्फरपुर : शुक्रवार को सरला श्रीवास सोशल कल्चरल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा मालीघाट में स्त्रीरत्न सरला श्रीवास की पुण्यतिथि पर कठपुतली संवाद संस्थान के संरक्षक विजय मिश्र के अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विजय मिश्र ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया कि कठपुतली कला की शुरुआत माता पार्वती के प्रसन्नता हेतु देवों के देव महादेव द्वारा काष्ठ मूर्ति में प्रवेश करने से हुई थी। उन्होंने इस कला के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह न केवल मनोरंजन का एक रूप है, बल्कि इसके माध्यम से समाज में जागरूकता और बदलाव लाने की एक सशक्त विधि भी है।
राष्ट्रीय लोक निर्माण पार्टी के संगठन प्रभारी आनंद पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि कठपुतली कलाकार सरला श्रीवास एक ऐसी जीवट कलाकार थीं जिन्होंने अपनी कला और सामाजिक कार्यों के माध्यम से देश-विदेश में अपनी एक विशेष पहचान बनाई। उनका सपना था कि कला के माध्यम से समाज में सुधार और उन्नति लाई जाए। उन्होंने रंगमंच, गायन, मूर्तिकला, कठपुतली कला जैसी कई विधाओं में महारत हासिल की और समाज को एक नया दिशा दी।
लोक गायिका अनीता कुमारी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कठपुतली कला में कई अन्य कलाओं का मिश्रण होता है। जैसे की लेखन, नाट्य कला, चित्रकला, मूर्तिकला, काष्ठकला, वस्त्र निर्माण कला, रूप सज्जा, संगीत और नृत्य। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में कठपुतली कला सबसे पुरानी लोक कला के रूप में मानी जाती है और इसे नाट्य कला का हिस्सा भी माना जाता है।
कठपुतली कलाकार सुनील कुमार ने कार्यक्रम में बताया कि स्त्रीरत्न सरला श्रीवास के पुण्यतिथि के मौके पर हर साल कला, पर्यावरण और सामाजिक कार्यों के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष कांटी प्रखंड की साइक्लिस्ट शिवानी कुमारी, नाट्य गतिविधियों में योगदान देने वाली सारिका सर्राफ और सामाजिक एवं स्त्री सशक्तिकरण में काम करने वाली सीमा कुमारी को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने एकजुट होकर यह भी मांग की कि मुजफ्फरपुर में एक कला विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए, जहां विजुअल आर्ट्स और परफॉर्मिंग आर्ट्स की पढ़ाई का प्रावधान हो। इसके साथ ही मालीघाट स्थित पंचमुखी चौक से भारत माता चौक तक के बेनाम सड़क का नामकरण स्त्रीरत्न सरला श्रीवास मार्ग के रूप में किया जाए।
इस अवसर पर रंगकर्मी और नाट्य निर्देशक सुमन वृक्ष, उद्घोषक निहाल सिंह, जितेश कुमार श्रीवास्तव, सीमा कुमारी, अमित कुमार, पूर्णिमा मिश्रा, अभय कुमार शब्द, शुभ नारायण शुभंकर, अमन राज, चंदेश्वर राम, अनिल कुमार ठाकुर, लोक गायिका अनीता कुमारी, कांता देवी सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन सरला श्रीवास युवा मंडल की अध्यक्ष सुमन कुमारी ने किया। इस कार्यक्रम ने सरला श्रीवास के योगदान को याद करते हुए उनके कार्यों को आगे बढ़ाने और कला के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान को सराहा।